Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Dec, 2025 02:39 PM

अडानी समूह अगले पांच वर्षों में अपने हवाई अड्डा कारोबार में करीब ₹1 लाख करोड़ का निवेश करने की योजना बना रहा है। गौतम अडानी के छोटे बेटे और अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने 25 दिसंबर से नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के वाणिज्यिक परिचालन...
नई दिल्लीः अडानी समूह अगले पांच वर्षों में अपने हवाई अड्डा कारोबार में करीब ₹1 लाख करोड़ का निवेश करने की योजना बना रहा है। गौतम अडानी के छोटे बेटे और अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने 25 दिसंबर से नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के वाणिज्यिक परिचालन की शुरुआत से पहले यह जानकारी दी।
जीत अडानी ने कहा, “हवाई अड्डा क्षेत्र में अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा।” नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अडानी समूह के तेजी से विस्तार कर रहे एयरपोर्ट पोर्टफोलियो की ताजा उपलब्धि है, जिससे भारत के विमानन बुनियादी ढांचे में समूह की मौजूदगी और मजबूत होगी।
25 दिसंबर से शुरू होगा नवी मुंबई एयरपोर्ट
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NMIAL) द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें अडानी समूह की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हवाई अड्डे का वाणिज्यिक परिचालन 25 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है।
अदाणी समूह पहले ही जीवीके समूह से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का अधिग्रहण कर चुका है। इसके अलावा समूह अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, जयपुर और मंगलुरु समेत कुल आठ हवाई अड्डों का संचालन करता है।
अगले निजीकरण दौर में सभी 11 एयरपोर्ट्स पर नजर
जीत अडानी ने कहा कि अडानी समूह हवाई अड्डों के निजीकरण के अगले दौर में पूरी तरह आक्रामक रणनीति अपनाएगा। उन्होंने कहा, “एक दीर्घकालिक और आशावादी निवेशक के रूप में हम अगले दौर के सभी 11 हवाई अड्डों के लिए बोली लगाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
रखरखाव, मरम्मत और संचालन (MRO) तथा फ्लाइट सिमुलेशन ट्रेनिंग सेंटर (FSTC) में निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि अभी दीर्घकालिक रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है और उसके बाद ही निवेश का स्पष्ट खाका सामने आएगा।
भारतीय विमानन सेक्टर में 15–16% ग्रोथ की संभावना
जीत अडानी के मुताबिक, भारत का विमानन क्षेत्र अगले 10 से 15 वर्षों तक 15–16 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर बनाए रख सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति हवाई यात्रा की दर अभी चीन जैसे देशों से काफी कम है, और अगर भारत उस स्तर तक भी पहुंचता है तो एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का कई गुना विस्तार करना होगा।
नवी मुंबई एयरपोर्ट से मुंबई की क्षमता समस्या को मिलेगी राहत
मुंबई एयरपोर्ट पर लंबे समय से चली आ रही क्षमता की कमी का जिक्र करते हुए जीत अडानी ने कहा कि 2016 के बाद से ही यह हवाई अड्डा बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं रहा। उन्होंने कहा कि नवी मुंबई एयरपोर्ट के चालू होने से इस समस्या में काफी हद तक राहत मिलेगी। नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भारतीय विमानन इतिहास का एक अहम पड़ाव बताते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है और इस एयरपोर्ट में भविष्य में चार गुना तक विस्तार की क्षमता मौजूद है।
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऑपरेटर बना अडानी समूह
अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के जरिए अडानी समूह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा इंफ्रास्ट्रक्चर ऑपरेटर बन चुका है। समूह भारत के कुल यात्री आवागमन का करीब 23 प्रतिशत और कार्गो ट्रैफिक का लगभग 33 प्रतिशत संभालता है।
गौरतलब है कि 2019 में हुए पिछले निजीकरण दौर में अडानी समूह ने छह हवाई अड्डे हासिल किए थे, जबकि 2021 में मुंबई एयरपोर्ट का अधिग्रहण किया गया। अब सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत 11 और हवाई अड्डों की पहचान की है, जिन पर अगला निजीकरण चरण प्रस्तावित है।