कच्चे तेल के दामों में गिरावट भारत के लिए वरदानः रिजर्व बैंक

Edited By ,Updated: 13 Jan, 2015 03:22 PM

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रिजर्व बैंक ने कहा है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में अभूतपूर्व गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 'वरदान' है।

मुंबईः रिजर्व बैंक ने कहा है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में अभूतपूर्व गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 'वरदान' है।
 
बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल की बैंक की वेबसाईट पर अपलोड किए गए भाषण में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 'नाटकीय' ढंग से जिस तरह गिरावट आई है। वह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 'वरदान' है और इससे तेल आयात बिल में 50 अरब डॉलर की बचत करने में मदद मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि तेल के दाम घटने से व्यय करने योग्य आय में बढ़ौतरी होगी। कारोबार के लिए कच्चे माल की लागत नीचे आएगी और ऊर्जा सब्सिडी बोझ कम होगा।
 
अमरीकी और ब्रेंट दोनों कच्चे तेल के दाम वर्ष 2009 की शुरूआत के बाद के निचले स्तर पर हैं। 7 सप्ताह से इनमें लगातार गिरावट आ रही है। पिछले साल जून से यह करीब 60 प्रतिशत तक लुढक चुके हैं।   
 
पटेल ने कहा है कि हमारा पैट्रोलियम, तेल और लुब्रीकेंट्स का आयात सालाना 160 अरब डॉलर का होता है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से यह करीब एक तिहाई कम हो जाएगा। इससे निश्चित रूप से हमारी बाह्य स्थिति में सुधार होगा।
 

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