Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Apr, 2025 03:36 PM
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या SME कंपनियों पर नज़र रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने SME प्लेटफॉर्म से मुख्य बोर्ड में माइग्रेशन के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब किसी कंपनी को मुख्य बोर्ड...
बिजनेस डेस्कः अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या SME कंपनियों पर नज़र रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने SME प्लेटफॉर्म से मुख्य बोर्ड में माइग्रेशन के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब किसी कंपनी को मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित होने से पहले कुछ कड़े मानदंडों को पूरा करना होगा।
मुख्य बदलाव और योग्यता मानदंड
पेड-अप कैपिटल और मार्केट कैपिटलाइजेशन का कहना है कि न्यूनतम ₹10 करोड़ पेड-अप इक्विटी कैपिटल अनिवार्य। पिछले 3 महीनों में शेयर प्राइस के औसत के आधार पर कम से कम ₹100 करोड़ की मार्केट कैपिटलाइजेशन होनी चाहिए।
रेवेन्यू और प्रॉफिटबिलिटी
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू ₹100 करोड़ से अधिक होना चाहिए। पिछले तीन में से दो वर्षों में कंपनी को ऑपरेटिंग लेवल पर मुनाफा हुआ होना अनिवार्य है।
लिस्टिंग की न्यूनतम अवधि
कंपनी कम से कम 3 साल तक SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड होनी चाहिए।
पब्लिक शेयरहोल्डर्स की संख्या
आवेदन के समय कंपनी के पास कम से कम 500 पब्लिक शेयरहोल्डर्स होने चाहिए।
प्रमोटर शेयरहोल्डिंग
आवेदन के समय प्रमोटर ग्रुप के पास कंपनी के कम से कम 20% शेयर हों। माइग्रेशन की तारीख पर प्रमोटर की होल्डिंग, प्रारंभिक लिस्टिंग के दिन की 50% से कम नहीं होनी चाहिए।
अन्य जरूरी शर्तें
- कंपनी या प्रमोटर पर IBC या NCLT के अंतर्गत कोई कार्यवाही न चल रही हो।
- कंपनी की नेटवर्थ कम से कम ₹75 करोड़ हो।
- पिछले 3 सालों में कोई बड़ी रेगुलेटरी कार्रवाई न हुई हो।
- SEBI द्वारा कंपनी या प्रमोटर पर कोई प्रतिबंध न हो।
- SCORES पर कोई लंबित निवेशक शिकायत न हो।
यदि कंपनी पहले किसी निगरानी या ट्रेड-टू-ट्रेड श्रेणी में थी, तो बाहर आने के बाद कम से कम 2 महीने का कूलिंग पीरियड पूरा हो चुका हो।