Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Nov, 2025 04:04 PM

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अपने ताज़ा विश्लेषण में दावा किया है कि अगले 10 वर्षों में दुनिया के शेयर बाजार औसतन 7.1% सालाना रिटर्न दे सकते हैं लेकिन भारत इस औसत से कहीं आगे निकल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वैश्विक...
बिजनेस डेस्कः ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अपने ताज़ा विश्लेषण में दावा किया है कि अगले 10 वर्षों में दुनिया के शेयर बाजार औसतन 7.1% सालाना रिटर्न दे सकते हैं लेकिन भारत इस औसत से कहीं आगे निकल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वैश्विक बाजारों का सबसे बड़ा ‘आउटलायर’ बताते हुए कहा गया है कि यहां अगले दशक में कंपनियों की कमाई बाकी देशों की तुलना में कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि दुनिया भर में कॉरपोरेट कमाई लगभग 6% वार्षिक गति से बढ़ेगी, जिसमें बायबैक का असर भी शामिल है लेकिन भारत में कंपनियों की कमाई अगले 10 सालों में करीब 13% सालाना दर से बढ़ सकती है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सभी देशों से अधिक है। मज़बूत अर्थव्यवस्था, लगातार हो रहे सुधार और देश की युवा जनसंख्या को इस तेज़ी की मुख्य वजह बताया गया है।
सेंसेक्स 3 लाख तक
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में यह रफ्तार बनी रही तो सेंसेक्स 2036 तक लगभग 2,87,000 से 3,00,000 अंकों तक पहुंच सकता है। निफ्टी के भी अगले दशक में लगभग 88,700 के स्तर को छूने की संभावना जताई गई है। विश्लेषकों का कहना है कि लंबी अवधि में बाजार कॉरपोरेट कमाई के अनुरूप ही बढ़ते हैं, इसलिए EPS की बढ़त सीधे तौर पर सूचकांकों को ऊंचाई पर ले जाएगी।
एशिया के बाकी देशों का क्या हाल रहेगा?
भारत के बाद तेज़ कमाई वृद्धि दक्षिण अफ्रीका और उत्तर एशिया में देखी जा सकती है, जबकि यूरोप और MENA जैसे क्षेत्रों में अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार रहने की आशंका है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आने वाले वर्षों में वैश्विक बाजारों की दिशा तय करने वाली एक प्रमुख ताकत बनेगी और इसका फायदा केवल अमेरिकी टेक कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा।
विश्लेषकों के अनुसार, अगर मौजूदा आर्थिक गति जारी रहती है, तो यह दशक भारतीय निवेशकों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है और भारत दुनिया के सबसे आकर्षक इक्विटी बाजारों में शामिल हो सकता है।