Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Sep, 2025 12:25 PM

इक्विटी म्यूचुअल फंडों (MF) में अगस्त महीने में निवेश ऊंचे स्तर पर बना रहा। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में शुद्ध इक्विटी निवेश बढ़कर ₹70,500 करोड़ तक पहुंच गया। यह किसी भी महीने का दूसरा सबसे बड़ा निवेश...
बिजनेस डेस्कः इक्विटी म्यूचुअल फंडों (MF) में अगस्त महीने में निवेश ऊंचे स्तर पर बना रहा। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में शुद्ध इक्विटी निवेश बढ़कर ₹70,500 करोड़ तक पहुंच गया। यह किसी भी महीने का दूसरा सबसे बड़ा निवेश है।
इससे पहले अक्टूबर 2024 में इक्विटी निवेश ₹90,770 करोड़ के साथ अब तक का रिकॉर्ड स्तर पर रहा था। जुलाई 2025 में भी इक्विटी फंड्स में ₹42,702 करोड़ का प्रवाह हुआ था।
बाजार गिरावट के बीच निवेश तेज
दिलचस्प बात यह है कि अगस्त का यह निवेश उस समय हुआ जब बाजार कमजोर था। निफ्टी 50 इंडेक्स जुलाई में लगभग 3% गिरा और अगस्त में भी 1.4% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके बावजूद एमएफ ने इक्विटी फंडों में आक्रामक खरीदारी की।
किन कारकों ने बढ़ाया निवेश?
शुद्ध इक्विटी निवेश कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे:
- इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में आवक-जावक
- हाइब्रिड योजनाओं में इक्विटी आवंटन का बदलाव
- नकदी हिस्सेदारी में परिवर्तन
जुलाई और अगस्त में आई तेजी मुख्य रूप से एकमुश्त प्रवाह (lump sum inflows) और नई फंड पेशकश (NFOs) की वजह से रही।
एकमुश्त निवेश में उछाल
जून 2025 में सकल एकमुश्त निवेश जहां ₹34,300 करोड़ था, वहीं जुलाई में यह बढ़कर ₹52,000 करोड़ से अधिक हो गया। जुलाई में एमएफ उद्योग ने एनएफओ के जरिए रिकॉर्ड ₹30,416 करोड़ जुटाए थे, हालांकि इसका बड़ा हिस्सा ऋण (Debt) योजनाओं में गया। अगस्त में भी एनएफओ की रफ्तार मजबूत रही।
किससे आता है एकमुश्त निवेश?
एकमुश्त निवेश ज्यादातर धनाढ्य निवेशकों और संस्थानों से आता है। यह बाजार में गिरावट, आकर्षक वैल्यूएशन और निवेश रणनीतियों पर आधारित होता है। एनएफओ भी इसे बढ़ावा देने का अहम जरिया बने हुए हैं।