Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Dec, 2025 05:45 PM

देश में शॉपिंग मॉल कल्चर को बड़ा झटका लगा है। देश का हर पांचवां मॉल बंद हो चुका है या बंद होने के कगार पर है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 32 बड़े शहरों में मौजूद 365 मॉल्स में से 75 यानी करीब 20 फीसदी...
बिजनेस डेस्कः देश में शॉपिंग मॉल कल्चर को बड़ा झटका लगा है। देश का हर पांचवां मॉल बंद हो चुका है या बंद होने के कगार पर है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 32 बड़े शहरों में मौजूद 365 मॉल्स में से 75 यानी करीब 20 फीसदी मॉल्स या तो बंद हो चुके हैं या बंद होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में इन्हें ‘घोस्ट मॉल’ करार दिया गया है, जहां 80 फीसदी तक दुकानें खाली पड़ी हैं।
दिल्ली का अंसल प्लाजा बना घोस्ट मॉल की पहचान
दिल्ली-एनसीआर का पहला बड़ा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स माना जाने वाला अंसल प्लाजा कभी भारी भीड़ और रौनक के लिए जाना जाता था। लेकिन आज यहां सन्नाटा पसरा है। कुछ गिनी-चुनी फूड आउटलेट्स को छोड़ दें तो बिजनेस गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं।
बड़े शहरों में ज्यादा असर, टियर-2 शहर बेहतर स्थिति में
नाइट फ्रैंक की ‘थिंक इंडिया, थिंक रिटेल 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा घोस्ट मॉल मेट्रो और बड़े शहरों में पाए गए हैं, जबकि टियर-2 शहरों में मॉल्स की ऑक्युपेंसी अपेक्षाकृत बेहतर है। बंद पड़े मॉल्स में करीब 1.55 करोड़ स्क्वायर फीट रिटेल स्पेस बेकार पड़ा हुआ है।
रेनोवेशन से लौट सकती है रौनक
रिपोर्ट का कहना है कि अगर इन घोस्ट मॉल्स को नई प्लानिंग, बेहतर डिजाइन और बदले हुए कंज्यूमर ट्रेंड्स के हिसाब से रेनोवेट किया जाए, तो सालाना करीब 350 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई संभव है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, खराब प्लानिंग, मेंटेनेंस की कमी और ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती लोकप्रियता के चलते मॉल्स का यह हाल हुआ है, लेकिन सही रणनीति अपनाकर इन्हें फिर से रिटेल हब में बदला जा सकता है।