Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2025 11:48 AM

निवेश विकल्पों की बढ़ती संख्या ने निवेशकों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। कई बार निवेशक अच्छे रिटर्न की उम्मीद में अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में छोटी-छोटी रकम निवेश कर देते हैं, जिससे उनका पोर्टफोलियो बिखरा हुआ नजर आता है। ऐसे में सही फंड चुनना और...
बिजनेस डेस्कः निवेश विकल्पों की बढ़ती संख्या ने निवेशकों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। कई बार निवेशक अच्छे रिटर्न की उम्मीद में अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में छोटी-छोटी रकम निवेश कर देते हैं, जिससे उनका पोर्टफोलियो बिखरा हुआ नजर आता है। ऐसे में सही फंड चुनना और बाकी को छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त विशेषज्ञ रवि कुमार ने बताया कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बेहतर ढंग से कैसे मैनेज कर सकते हैं। उनके अनुसार, यदि आप अपने फंड्स की नियमित निगरानी करते हैं और बाजार की समझ रखते हैं, तो 5 से 6 म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना ही पर्याप्त है।
हर फंड की भूमिका अलग होती है
रवि कुमार का कहना है कि हर म्यूचुअल फंड की निवेश रणनीति और उद्देश्य अलग होता है। इसलिए, एक जैसी कंपनियों या सेक्टर में निवेश करने से बचना चाहिए। विविधता बनाए रखने के लिए अलग-अलग कैटेगरी और रणनीति वाले फंड्स का चयन करें।
अधिक फंड्स का मतलब हमेशा अच्छा डाइवर्सिफिकेशन नहीं
अक्सर निवेशक सोचते हैं कि जितने अधिक फंड होंगे, उतना ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन मिलेगा लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। अगर सभी फंड एक ही तरह के शेयरों में निवेश करते हैं, तो संख्या बढ़ने के बावजूद वास्तविक विविधता नहीं होती।
फंड चयन में रखें संतुलन
रवि कुमार ने बताया कि हर इक्विटी फंड का अपना अलग स्टाइल होता है- कुछ ग्रोथ स्टॉक्स पर फोकस करते हैं, जबकि कुछ वैल्यू या क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आपके पोर्टफोलियो में अलग रणनीति वाले फंड्स शामिल हों, ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव में भी बैलेंस बना रहे।