Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Oct, 2025 11:50 AM

सोने की बढ़ती कीमतों के बीच भारत ने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार, भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। 10 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 3.59 अरब डॉलर बढ़कर 102.36 अरब डॉलर हो गया।
बिजनेस डेस्कः सोने की बढ़ती कीमतों के बीच भारत ने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार, भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। 10 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 3.59 अरब डॉलर बढ़कर 102.36 अरब डॉलर हो गया।
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फॉरेक्स रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी 14.7%
हालांकि कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) इस हफ्ते 2.18 अरब डॉलर कम होकर 697.78 अरब डॉलर पर आ गया, लेकिन सोने के दामों में उछाल ने RBI के स्वर्ण भंडार को नया रिकॉर्ड दिलाया। सोने की हिस्सेदारी अब 14.7% हो गई है यह 1996-97 के बाद सबसे अधिक है।
कैसे बढ़ा गोल्ड रिजर्व?
पिछले दशक में भारत के विदेशी भंडार में सोने की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी होकर 7% से 15% तक पहुंच गई। यह उछाल RBI की लगातार खरीदारी और 2025 में सोने की कीमत में 65% की तेजी का परिणाम है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, इस साल जनवरी से सितंबर तक RBI ने केवल 4 टन सोना खरीदा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 50 टन था यानी भले ही खरीदारी कम हुई हो, सोने के बढ़ते दामों ने मूल्य वृद्धि के जरिए रिजर्व को नया रिकॉर्ड दिलाया।
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सोने का महत्व
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की भारत रिसर्च हेड कविता चाको के अनुसार, सोने की कीमत में तेजी से RBI के भंडार का मूल्य काफी बढ़ा है, और यह मुख्य रूप से वैल्यूएशन गेन का नतीजा है। वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने और भू-राजनीतिक जोखिमों से बचने के लिए लगातार सोने की ओर रुख कर रहे हैं। भारत भी इस रणनीति का हिस्सा बन चुका है। सोना अब सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि परंपरा, स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक बन गया है। आरबीआई का स्वर्ण भंडार 100 अरब डॉलर पार कर जाना भारत की वित्तीय मजबूती और आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।