Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 May, 2020 05:04 PM
कोरोना वायरस के संकट की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ जीरो पर ठहर सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को अपने अनुमान में यह बात कही। एजेंसी ने कहा कि
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस के संकट की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ जीरो पर ठहर सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को अपने अनुमान में यह बात कही। एजेंसी ने कहा कि भारत को लॉकडाउन के चलते बड़ी गिरावट झेलनी पड़ेगी। मूडीज ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की ग्रोथ जीरो पर ठहर सकती है लेकिन 2022 में तेजी से वापसी करेगी। मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी उम्मीद जताते हुए कहा कि 2022 में भाकतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी तक रह सकती है। यदि ऐसा होता है तो भारत को मंदी के संकट से निकलने में बड़ी मदद मिलेगी।
मूडीज ने ग्रोथ के जीरो रहने की आशंका जताने के साथ ही राजकोषीय घाटे के भी 5.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले बजट में भारत के वित्त मंत्री ने 3.5 फीसदी के घाटे की बात कही थी। एजेंसी ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते भारत पूरी तरह से थम गया है और इस साल इसका असर देखने को मिलेगा। बता दें कि मूडीज ने कोरोना के संकट से पहले ही बीते साल नवंबर महीने में भारत को स्टेबल यानी स्थित अर्थव्यवस्था से हटाकर निगेटिव में डाल दिया था। तब एजेंसी ने कहा था कि वह आगे भी भारत की आर्थिक ग्रोथ पर नजर बनाए रखेगी।
मूडीज ने बताए गिरावट के कारण
बता दें कि हाल ही में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 2 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया था। मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सिमटने के कारण बताते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लंबे समय से चल रहे आर्थिक संकट, नौकरियों के स़जन में कमी और अब एनबीएफसी के नकदी संकट में घिरने के चलते भारत की इकॉनमी गहरे संकट में जा सकती है।