Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Dec, 2023 06:16 PM

एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स (LTFH) ने सब्सिडियरी कंपनियों एलऐंडटी फाइनैंस (LTF), एलऐंडटी इंफ्रा क्रेडिट (LTICL) और एलऐंडटी म्यूचुअल फंड ट्रस्टी का अपने साथ विलय (merger) पूरा होने की सोमवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा कि इससे बेहतर गवर्नेंस और ग्रोथ को...
नई दिल्लीः एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स (LTFH) ने सब्सिडियरी कंपनियों एलऐंडटी फाइनैंस (LTF), एलऐंडटी इंफ्रा क्रेडिट (LTICL) और एलऐंडटी म्यूचुअल फंड ट्रस्टी का अपने साथ विलय (merger) पूरा होने की सोमवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा कि इससे बेहतर गवर्नेंस और ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस विलय के साथ सभी कर्ज वाले बिजनेस एक इकाई यानी LTFH के तहत आएंगे। इसके साथ ही यह सूचीबद्ध ऋण इकाई, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) बन जाएगी जो एल एंड टी फाइनेंस ब्रांड के तहत कई उत्पाद तथा सेवाएं मुहैया कराती है।
LTFH के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दीनानाथ दुभाषी ने कहा, ‘विलय सभी आवश्यक मंजूरी के साथ निर्धारित समय से पहले पूरा हो गया है। उन्होंने कहा, ‘यह विलय ‘सही स्ट्रक्चर’ स्ट्रेटेजी के अनुरूप हमारे द्वारा की गई प्रमुख रणनीतिक पहलों में से एक है जिसे हमारी कंपनी पिछले सात सालों से लागू कर रही है और इसकी वजह से अब NBFC की संख्या 8 से घटकर 1 हो गई है।’
क्या होगा मर्जर से फायदा?
LTFH ने कहा कि मर्जर से होने वाले लाभों में बेहतर गवर्नेंस और कंट्रोल, देनदारी प्रबंधन (liability management), शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करने की क्षमता, RBI के स्केल-आधारित नियमों का बिना किसी रुकावट के पालन और रेगुलेशन और साथ ही बेहतर ऑपरेशन एफिसिएंसी शामिल हैं।
कब मिली थी मर्जर को मंजूरी?
गौरतलब है कि तीनों कंपनियों के बोर्ड ने जनवरी में प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी थी और यह प्रक्रिया शेयरहोल्डर्स, क्रेडिटर्स और रेगुलेटरी अधिकारियों से अप्रूवल मिलने के बाद पूरी हुई थी, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंज शामिल थे।