Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2025 10:31 AM

जीएसटी के नए नियमों से जहां ग्राहकों को सस्ती चीजें मिलने लगी हैं, वहीं कंपनियों को पुराने स्टॉक की वजह से परेशानी हो रही थी। अब सरकार ने इसका समाधान निकाल दिया है। सरकार ने घोषणा की कि कंपनियां अपने पुराने माल पर नया रेट लिख सकती हैं—चाहे स्टिकर...
बिजनेस डेस्कः जीएसटी के नए नियमों से जहां ग्राहकों को सस्ती चीजें मिलने लगी हैं, वहीं कंपनियों को पुराने स्टॉक की वजह से परेशानी हो रही थी। अब सरकार ने इसका समाधान निकाल दिया है। सरकार ने घोषणा की कि कंपनियां अपने पुराने माल पर नया रेट लिख सकती हैं—चाहे स्टिकर से, स्टांप से या ऑनलाइन प्रिंट करके।
मनमानी नहीं चलेगी, शर्तें तय
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नया दाम लगाते समय पुराना दाम भी साफ दिखना चाहिए। नया रेट पुराने दाम को ढककर नहीं लिखा जा सकेगा। यह नियम केवल उन्हीं पैक्ड वस्तुओं पर लागू होगा, जिन पर जीएसटी दर बदलने के कारण बिक्री प्रभावित हुई है।
जनता को बताना होगा नया दाम
कंपनियों को नया रेट लगाने के साथ-साथ इसकी जानकारी जनता तक पहुंचानी होगी। इसके लिए कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन देना होगा। साथ ही केंद्र सरकार के विभाग, राज्य सरकारें और खुदरा दुकानदारों को भी इसकी सूचना देनी होगी।
समयसीमा 22 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर
पहले कंपनियों को 22 सितंबर तक पुराने माल पर नया रेट लगाने की छूट दी गई थी लेकिन समय कम होने के कारण अब अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है। इस फैसले से खासकर वे कंपनियां राहत महसूस करेंगी जिन्होंने त्योहारों के लिए पहले से बड़ा स्टॉक तैयार किया था।
सभी को फायदा
इस फैसले से ग्राहक और कंपनियां दोनों को फायदा होगा। ग्राहकों को सस्ते दाम पर सामान मिलेगा, वहीं कंपनियां बिना नुकसान के अपना पुराना स्टॉक बेच पाएंगी। त्योहारी सीजन में बाजार में रौनक बनाए रखने में यह कदम अहम साबित होगा।