Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Sep, 2025 01:07 PM

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपनी मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट (MOD) स्कीम के नियमों में बदलाव किया है। अब इस स्कीम का लाभ लेने के लिए ग्राहकों के सेविंग्स अकाउंट में कम से कम ₹50,000 का बैलेंस होना जरूरी होगा। पहले यह लिमिट ₹35,000 थी...
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपनी मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट (MOD) स्कीम के नियमों में बदलाव किया है। अब इस स्कीम का लाभ लेने के लिए ग्राहकों के सेविंग्स अकाउंट में कम से कम ₹50,000 का बैलेंस होना जरूरी होगा। पहले यह लिमिट ₹35,000 थी यानी अब ग्राहकों को पहले से ज्यादा बैलेंस रखना पड़ेगा। यह बदलाव छोटे और मध्यम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जबकि ज्यादा बैलेंस वालों के लिए यह स्कीम अब भी आकर्षक बनी हुई है।
एमओडी स्कीम क्या है?
- सेविंग्स अकाउंट में ₹50,000 से ज्यादा बैलेंस होने पर अतिरिक्त रकम अपने आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में कन्वर्ट हो जाती है।
- यह रकम ₹1,000 की यूनिट्स में FD में ट्रांसफर होती है।
- ग्राहकों को इस पर वही ब्याज दर मिलती है जो सामान्य FD पर लागू होती है, जो सेविंग्स अकाउंट के ब्याज से अधिक होती है।
- जरूरत पड़ने पर बैंक अपने आप MOD से पैसे निकालकर सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है।
- सीनियर सिटिज़न्स को इस स्कीम में अतिरिक्त ब्याज का फायदा मिलता है।
किस पर होगा असर?
- जिन ग्राहकों के अकाउंट में ₹35,000 से ₹50,000 तक बैलेंस रहता था, वे अब MOD स्कीम का फायदा नहीं उठा पाएंगे।
- अधिक बैलेंस वाले ग्राहकों के लिए यह स्कीम अब भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इसमें सेविंग्स अकाउंट की आसानी और FD का रिटर्न दोनों मिलते हैं।
बैंकिंग सेक्टर पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि SBI का यह कदम उसकी डिपॉजिट कॉस्ट मैनेजमेंट रणनीति का हिस्सा है। छोटे बैलेंस को FD में बदलने से रोकने के लिए लिमिट बढ़ाई गई है। इससे छोटे ग्राहकों को नुकसान हो सकता है लेकिन बड़े अकाउंट होल्डर्स को यह स्कीम और भी आकर्षक लगेगी।
अगर आप इस स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपने अकाउंट में अधिक बैलेंस रखने की योजना बनाएं और निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय लें।