Edited By Rahul Singh,Updated: 27 Dec, 2023 02:12 PM

निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कोषों से घरेलू कंपनियों में निवेश इस साल अबतक लगभग 40 प्रतिशत घटकर 27.9 अरब डॉलर रह गया है। वहीं इस दौरान घरेलू कंपनियों से निकासी सालाना आधार पर मामूली रूप से बढ़कर 19.34 अरब डॉलर हो गई है।
मुंबई : निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कोषों से घरेलू कंपनियों में निवेश इस साल अबतक लगभग 40 प्रतिशत घटकर 27.9 अरब डॉलर रह गया है। वहीं इस दौरान घरेलू कंपनियों से निकासी सालाना आधार पर मामूली रूप से बढ़कर 19.34 अरब डॉलर हो गई है। निजी पूंजी और ऋण प्रवाह पर नजर रखने वाली वेंचर इंटेलिजेंस और उद्योग निकाय आईवीसीए द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, 20 दिसंबर, 2023 तक निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कोषों द्वारा घरेलू कंपनियों में निवेश 697 सौदों में 27.9 अरब डॉलर के निचले स्तर पर आ गया। 2022 में 1,364 सौदों में 47.62 अरब डॉलर का निवेश हुआ था।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष निजी इक्विटी खिलाड़ियों द्वारा देश से अधिक पैसा निकाला गया। इस दौरान 248 कंपनियों से कुल निकासी 19.34 अरब डॉलर पर पहुंच गई। वहीं 2022 में 233 कंपनियों से कुल 18.45 अरब डॉलर निकाले गए थे। हालांकि, उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि आने वाले वर्ष में वित्तपोषण की अधिक संभावनाएं दिख रही हैं। आईवीसीए (इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटलिस्ट एसोसिएशन) के अध्यक्ष रजत टंडन ने कहा, ‘‘इस वित्तपोषण में कमी एक अस्थायी समायोजन है, और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे हैं प्रवाह मजबूत होगा।''
इस साल के शीर्ष पांच सौदों में..टीपीजी कैपिटल और टेमासेक द्वारा अप्रैल में मणिपाल हॉस्पिटल्स में 2.4 अरब डॉलर का निवेश शामिल है। इसके बाद जून में एचडीएफसी क्रेडिला (एचडीएफसी बैंक के साथ विलय से पहले एचडीएफसी की शिक्षा ऋण इकाई) को बेरिंग और क्रिसकैपिटल ने 1.35 अरब डॉलर के सौदे में खरीदा। अगस्त में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने रिलायंस रिटेल वेंचर्स में एक अरब डॉलर का निवेश किया। नवीकरणीय कंपनी अवाडा वेंचर्स को अप्रैल में ब्रुकफील्ड से एक अरब डॉलर का निवेश मिला। वहीं फर्टिलिटी क्लीनिक इंदिरा आईवीएफ क्लीनिक को जुलाई में बेरिंग एशिया से 73.2 करोड़ डॉलर का निवेश मिला।