आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहंची थोक महंगाई दर, अक्टूबर में 1.48% रही

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Nov, 2020 01:08 PM

wholesale inflation reached 8 month high 1 48 in october

अक्टूबर 2020 के लिए थोक महंगाई दर (WPI) का आंकड़ा जारी हो गया है। माह-दर-माह आधार पर थोक महंगाई दर सितंबर के 1.32 फीसदी से बढ़कर 1.48 फीसदी पहुंच गया है। पिछले एक साल के दौरान इसमें लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है।

बिजनेस डेस्कः अक्टूबर 2020 के लिए थोक महंगाई दर (WPI) का आंकड़ा जारी हो गया है। माह-दर-माह आधार पर थोक महंगाई दर सितंबर के 1.32 फीसदी से बढ़कर 1.48 फीसदी पहुंच गया है। पिछले एक साल के दौरान इसमें लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही अब थोक महंगाई दर बीते 8 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। ​खाद्य पदार्थों के लिए WPI घटकर 5.78 फीसदी पर आ गया है। सितंबर महीने में यह 6.92 पर था। अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों के मूल्य में बड़ी तेजी देखने को मिली है। सितंबर के 1.61 फीसदी की तुलना में यह बढ़कर 2.12 फीसदी पर पहुंच गया है।

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खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर में कमी के बाद भी थोक व खुदरा मूल्य के लिहाज से चिंता बनी हुई है। जानकारों का मानना है कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर अब सब्जियों व फलों के अलावा अन्य वस्तुओं पर पड़ने गली है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसका असर ब्याज दरों पर पड़ सकता है। एक लंबे व सख्त लॉकडाउन के बाद देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुई। मार्च के बाद अगस्त 2020 में पहली बार ये आंकड़े पॉजिटिव दायरे में आए थे।

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WPI के जरिए थोक में बिकने वाली वस्तुओं की कीमतों के बारे में जानकारी मिलती है। भारत में, होलसेल प्राइस इंडेक्स तीने समूह में बांटा गया है। ईंधन एवं पावर, प्राइमरी वस्तु और मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद शामिल है। कुल WPI में इन तीनों समूहों का योगदान क्रमश: 13.2 फीसदी, 22.6 फीसदी और 64.2 फीसदी है।

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खुदरा महंगाई दर 6 साल में सबसे अधिक
इस बीच सालाना ​खुदरा महंगाई दर अक्टूबर महीने में बढ़कर 7.61 फीसदी पर पहुंच गया है। सितंबर में यह 7.34 फीसदी पर था। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबित, लोगों पर मई 2014 के बाद इस साल अक्टूबर में सबसे अधिक महंगाई की मार पड़ी है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी इजाफे के कारण अक्टूबर में CPI 7.61% तक पहुंच गई। इस दौरान खाद्य महंगाई दर 11% तक पहुंच गई। सब्जियों और दालों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति छह साल में सबसे अधिक हो गई है।

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