कामयाबी के लिए किताबी ज्ञान के साथ अनुभव और प्रशिक्षण जरूरी : मनोहर लाल

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 25 Jun, 2022 08:45 PM

cm arrived at the training workshop of administrative officers

गुरुग्राम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की रैवेन्यू कोर्ट लगाने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जीवन में किताबों के ज्ञान के साथ-साथ अनुभव और प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने...

चंडीगढ़,(पांडेय): गुरुग्राम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की रैवेन्यू कोर्ट लगाने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जीवन में किताबों के ज्ञान के साथ-साथ अनुभव और प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में आखिर तक सीखता है, आगे बढऩे के लिए प्रशिक्षण और मेहनत जरूरी है। गुरुग्राम के मंडलायुक्त राजीव रंजन द्वारा दिए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त तथा एस.डी.एम. स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुग्राम के लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित किया गया।

 


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सन 1980 से लेकर 2014 तक लगभग 34 वर्षों के दौरान ट्रेङ्क्षनग अर्थात प्रशिक्षण उनका रुचिकर विषय रहा है। केवल किताबी ज्ञान से ही सफलता नहीं मिलती बल्कि कम से कम संसाधनों के साथ कम से कम समय में ज्यादा आऊटपुट कैसे मिले, उसके लिए ट्रेङ्क्षनग जरूरी है। उन्होंने कहा कि ट्रेङ्क्षनग अर्थात प्रशिक्षण लगातार चलने वाला विषय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखने की कोई आयु नहीं होती। उन्होंने स्वयं 40 वर्ष की आयु में कम्प्यूटर चलाना सीखा और यह कहते हुए उन्हें आज प्रसन्नता हो रही है कि उसकी उपयोगिता यह हुई है कि जब भी वे अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं तो अधिकारी पूरी तैयारी के साथ आते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कहीं उनकी गलती पकड़ी न जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने व्यवस्था सुधारने के लिए कई रिफॉम्र्स किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण का अपना ही एक महत्व है परंतु इसके लिए अपना मानस खुला रखना जरूरी है, स्वीकार्यता होनी चाहिए। 

 


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से दो सवाल पूछे और उनके जवाब लिखकर गुप्त रूप से उन्हें देने को कहा। उस कागज पर चाहे वे अपना नाम ना लिखें। इसमें एक सवाल यह था कि आपने जब से ज्वाइन किया है, आपको सरकार की कौन सी योजना अच्छी लगी, जिससे जनता को लाभ मिल रहा हो और उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। दूसरा सवाल यह था कि योजनाओं से अलग कोई और काम क्या किया जाना चाहिए जिसकी जनता को जरूरत है। इन दोनों सवालों के जवाब मुख्यमंत्री अपने साथ ले गए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से कहा कि वे भी उनसे कोई दो सवाल या संशय पूछ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से यह भी कहा कि पानी बहुत कीमती है, जिसे बचाना जरूरी है। इसके लिए आम जनता को जागरूक करते हुए उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा करनी है। इससे पहले मंडलायुक्त राजीव रंजन ने कहा कि अधिकारियों के इस प्रशिक्षण में हम बैस्ट प्रैक्टिसिज पर चर्चा करते हैं ताकि उनसे दूसरे अधिकारी भी प्रेरणा ले सकें।

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