Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 08:42 PM

पी.यू.कैंपस में लगे मोबाइल टॅावर का बकाया किराया, जब तक कंपनी पी.यू. प्रबंधन को नहीं देगी, तब तक कंपनी 4 जी केबल मोबाइल टावर से नहीं जोड़ पाएगी।
चंडीगढ़ (हंस) : पी.यू.कैंपस में लगे मोबाइल टॅावर का बकाया किराया, जब तक कंपनी पी.यू. प्रबंधन को नहीं देगी, तब तक कंपनी 4 जी केबल मोबाइल टावर से नहीं जोड़ पाएगी। यह फैसला पी.यू. प्रबंधन ने लिया है।इसका सर्कुलर मोबाइल कंपनी को भी भेज दिया गया है। ध्यान रहे कि पी.यू. का मोबाइल टॅावर कंपनी पर किराए का करीबन दो करोड़ रुपए का किराया बकाया रहता है। हैरानी की बात है कि इतना किराया पैंडिंग होने की ओर पी.यू. प्रबंधन का ध्यान ही नहीं गया।
जानकारी के मुताबिक पी.यू. कैंपस में लगे मोबाइल टॉवर की कंपनी ने जब 4 जी केबल डालने के लिए कैंपस में आवेदन किया था, तब मोबाइल टावर का किराया पैंडिंग होने का बात सामने आई। पी.यू.प्रबंधन ने कमेटी बनाकर इस संबंध में बैठक की। बैठक में फैसला लिया गया कि जब तक उक्त मोबाइल कंपनी पी.यू. को पिछले सालों का किराया नहीं देगी, तब तक उन्हें कैम्पस में 4 जी केबल नहीं डालने दी जाएगी।
किराया लेने की जिम्मेदारी पी.यू. में एस्टेट ब्रांच अधिकारियों की
पी.यू. की एस्टेट ब्रांच की ओर से 2015-16 सैशन में मोबाइल टावर कंपनी से किराया लेने के लिए सर्कुलर डाला गया था लेकिन इसके बाद मोबाइल कंपनी को कोई भी रिमाइंडर नहींं भेजा गया। मोबाइल टावर कंपनी से किराया लेने की जिम्मेदारी पी.यू. में एस्टेट ब्रांच अधिकारियों क ी है, लेकिन एस्टेट ब्रांच का इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
मोबाइल एग्रीमैंट को लंबे समय से री-न्यू ही नहीं किया गया
गौरतलब है कि पी.यू. प्रबंधन ने मोबाइल टावर लगाने की कंपनी के साथ कैंपस में लगाए गए मोबाइल एग्रीमैंट को लंबे समय से री-न्यू ही नहीं किया है। इसका फायदा मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी उठाती रही है। पी.यू. लंबे समय से आर्थिक मंदी झेल रही है। इसके बावजूद भी इस ओर पी.यू. प्रबंधन का ध्यान नहीं गया है। कैंपस में पांच मोबाइल के टावर लगे हैं।
कोट्स
इस संबध में एस्टेट डिप्टी रजिस्ट्रार कुसुम लता ने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि उन्होंने विभाग में हाल ही में ज्वाइन किया है। इसलिए मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है ।