गांधी जी की याद मेें इस दिन मनाया जाता है विश्व अहिंसा दिवस

Edited By Updated: 21 Feb, 2021 04:33 PM

world non violence day is celebrated on this day in memory of gandhi

एक बार गांधी जी का जूता चलती ट्रेन में से नीचे गिर गया। उन्होंने तुरंत अपना दूसरा जूता भी उतार कर ट्रेन से बाहर फैंक दिया। पूछने पर उन्होंने कहा

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एक बार गांधी जी का जूता चलती ट्रेन में से नीचे गिर गया। उन्होंने तुरंत अपना दूसरा जूता भी उतार कर ट्रेन से बाहर फैंक दिया। पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘एक जूता न तो मेरे काम आएगा न ही उसके जिसे वह जूता मिलेगा। कम से कम अब वह आदमी तो दोनों जूते पहन सकेगा जिसे मेरे दोनों जूते मिलेंगे।’’

महात्मा गांधी जन्म से बहादुर और बोल्ड नेता नहीं थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा में स्वयं लिखा है कि बचपन में वह इतने शर्मीले थे कि स्कूल से भाग जाते थे ताकि उन्हें किसी से बात न करनी पड़े। संयुक्त राष्ट्र ने गांधी जी के जन्म दिन 2 अक्तूबर को विश्व अहिंसा दिवस घोषित किया है। वर्ष 1930 में उन्हें अमरीका की टाइम मैगजीन ने ‘मैन आफ द ईयर’  का पुरस्कार दिया था। महात्मा गांधी अपने जीवन में कभी अमरीका नहीं गए और न ही कभी हवाई जहाज में बैठे।एक बार गांधी जी को टिकट होने के बावजूद एक अंग्रेज और टिकट कलैक्टर ने काला होने के कारण ट्रेन से धक्का मार कर उतार दिया था। यह उनका किसी अंग्रेज के साथ सबसे कड़वा अनुभव था। सन् 1931 की इंगलैंड  यात्रा के दौरान गांधी जी ने पहली बार रेडियो पर अमरीका के लिए भाषण दिया। रेडियो पर उनके पहले शब्द थे,  क्या मुझे इस माइक्रोफोन के अंदर बोलना पड़ेगा?’’

गांधी जी ने जब अपनी कानून की पढ़ाई खत्म कर इंगलैंड में वकालत शुरू की तो वह पूरी तरह असफल साबित हुए। यहां तक कि अपने पहले केस में उनकी टांगें कांपने लगी थीं। वह पूरी बहस किए बिना ही बैठ गए थे और केस हार गए। गांधी जी को अपनी फोटो खींचा जाना बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन आजादी की लड़ाई के दौरान वह अकेले श स थे, जिनकी फोटो सबसे ज्यादा ली गई थीं। दक्षिण अफ्रीका में वह बहुत सफल वकील बने और उनकी आमदनी दक्षिण अफ्रीका में 15000 डालर सालाना तक हो गई थी। जिस वाहन में वर्ष 1948 में महात्मा गांधी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था, वही वाहन सन 1997 में मदर टैरेसा की अंतिम यात्रा के लिए इस्तेमाल किया गया था।

गांधी जी स्वदेशी के बहुत कट्टर समर्थक थे किन्तु उनका पहला डाक टिकट स्विट्जरलैंड में छपवाया गया था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने दी थी। गांधी जी अपने नकली दांत अपनी धोती में बांध कर रखते थे। वह उन्हें केवल खाना खाते समय ही लगाया करते थे। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा गुजराती में लिखी थी। गांधी जी को दो चीजों की बहुत ङ्क्षचता रहती थी। पहली उनकी हैंडराइटिंग और दूसरी अपने शरीर की मालिश करना। 1999 में गांधी जी को ‘टाई स मैगजीन’ ने अल्बर्ट आइंस्टाइन के बाद 19वीं सदी का दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्ति चुना। स्वतंत्रता दिवस की रात गांधी जी नेहरू जी का भाषण सुनने के लिए मौजूद नहीं थे। उस दिन गांधी जी उपवास पर थे। मूंगफली खाने के बाद गोडसे ने गांधी को एक के बाद एक तीन गोलियां मारी थीं अंतिम समय में गांधी जी के मुंह से निकला राम...रा..म...

गांधी जी की मृत्यु पर पंडित नेहरू ने रेडियो द्वारा राष्ट्र को संबोधित किया और कहा ‘‘राष्ट्रपिता अब नहीं रहे।’’

गांधी जी की शव यात्रा को आजाद भारत की सबसे बड़ी शवयात्रा कहा गया था। करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और करीब 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे। यहां तक कि लोग ख भों-पेड़ों पर भी चढ़ गए थे। गांधी जी को जीवन में 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था किन्तु वर्ष 1948 में पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई। फलस्वरूप नोबेल कमेटी ने पुरस्कार उस साल किसी को भी नहीं दिया। महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रबींद्रनाथ टैगोर ने दी थी और रबींद्रनाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि गांधी जी ने दी थी। गांधी जी समय के बेहद पाबंद थे। उनकी कुछ संपत्ति में से एक डालर की घड़ी भी थी।
 

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