Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Nov, 2020 07:00 AM
कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज त्यौहार आदिकाल से मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य एवं उनकी निरोगी लम्बी उम्र की कामना
Bhai Dooj 2020: कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज त्यौहार आदिकाल से मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य एवं उनकी निरोगी लम्बी उम्र की कामना करती हैं। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इसका मुख्य संबंध यम तथा उनकी बहन यमुना से है।
Bhai Tika: बचपन में एक साथ खेलते, शरारतें करते बड़े होना और ढेर सारी स्मृतियों, शरारतों एवं प्यार को उम्र भर सहेजे रखना, बहन के दुख-दर्द के समय भाई का भगवान कृष्ण के समान दौड़े चले आना और भाई की मंगल कामना, सफलता के लिए बहन का हर समय प्रार्थना करना किसी भी मिसाल से ऊपर ही रहता है। चांद की चांदनी के समान शीतल और सागर की गहराइयों के समान इस गंभीर रिश्ते का बंधन बहुत मजबूत होता है।
Bhai Phonta: दीपावली अगर दीयों का पर्व है तो ‘भाई दूज’ कुमकुम और अक्षत के तिलक से सजा ऐसा पर्व है जिसका इंतजार बहनों को वर्ष भर रहता है। इस दिन भाई कहीं दूर या पास हो, अपनी बहन के घर तिलक लगवाने अवश्य पहुंच जाता है। इस अवसर पर बहनें अपने भाई के उज्ज्वल भविष्य एवं खुशहाली के लिए आशीष भी देती हैं तथा भाई भी अपनी बहन की हर मुश्किल घड़ी में साथ देने और उसके सम्मान की रक्षा करने का वचन देते हैं। उपहार देकर अपना स्नेह भी बहन पर प्रकट करते हैं।
Bhai dooj shubh muhurat भाई दूज का शुभ मूहूर्त
द्वितीय तिथि का प्रारंभ सुबह 7: 5 बजे से हो जाएगा और इसका समापन 17 नवंबर 3:56 बजे होगा। भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 16 नवंबर 13:10 से लेकर 15:17 बजे तक रहेगा।