Bhai dooj katha: भाई दूज से जुड़ी हैं ये पौराणिक कथाएं, सबसे प्रसिद्ध है यमराज और यमुना की कहानी

Edited By Updated: 23 Oct, 2025 11:12 AM

bhai dooj katha

Bhaiya Dooj Pauranik Katha: भाई दूज (Bhai Dooj 2025) का पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। 2025 में भाई दूज की तिथि 23 अक्टूबर (गुरुवार) को पड़ रही है। इस दिन बहनें अपने...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bhaiya Dooj Pauranik Katha: भाई दूज (Bhai Dooj 2025) का पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। 2025 में भाई दूज की तिथि 23 अक्टूबर (गुरुवार) को पड़ रही है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और समृद्ध जीवन की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देकर जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार भाई दूज से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा यमराज और यमुना की है।

Bhai dooj katha
Bhai Dooj Story – The Story of Yamraj and Yamuna भाई दूज कथा – यमराज और यमुना की कहानी
बहुत प्राचीन काल की बात है। सूर्यदेव की पत्नी संघ्या के दो संतानें थीं। पुत्र यमराज और पुत्री यमुना। यमुना अपने भाई यमराज से अत्यंत स्नेह करती थीं। वह बार-बार अपने भाई को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित करतीं, लेकिन यमराज अपने कार्यों में व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाते थे।

एक दिन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना ने अपने भाई को दृढ़तापूर्वक आमंत्रित किया और कहा कि आज आपको आना ही होगा। यमराज ने सोचा कि मृत्यु के देवता होने के बावजूद यदि मैं अपनी बहन के प्रेम को अनदेखा करता हूं तो यह अनुचित होगा। अतः वे उस दिन यमुना के घर पहुंचे।

Bhai dooj katha

यमुना ने बड़े प्रेम से अपने भाई का स्वागत किया। उन्होंने स्नान कराया, सुंदर वस्त्र पहनाए, आरती उतारी और तिलक लगाकर मिठाइयां खिलाईं। यमराज अपनी बहन की श्रद्धा देखकर प्रसन्न हुए और बोले –

“हे बहन! आज तुमने मुझे प्रेम और आदर से स्वागत किया है। मैं तुम्हें वरदान देता हूं कि आज के दिन जो भी बहन अपने भाई को तिलक करेगी और आदरपूर्वक उसका सत्कार करेगी, उसके भाई को दीर्घायु, समृद्धि और यमलोक के भय से मुक्ति प्राप्त होगी।”

Bhai dooj katha
तभी से यह परंपरा चल पड़ी कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया को बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं, और यह दिन भाई दूज या यम द्वितीया कहलाने लगा।

Bhai dooj katha

The second story of Bhai Dooj – Lord Krishna and Subhadra भाई दूज की दूसरी कथा – भगवान कृष्ण और सुभद्रा
एक अन्य प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया और द्वारका लौटे, तो उनकी बहन सुभद्रा ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाया, दीप जलाए और फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। इसी प्रसंग से भाई दूज का तिलक संस्कार प्रारंभ हुआ, जो आज तक भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है।

Bhai dooj katha

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!