Edited By Prachi Sharma,Updated: 16 Aug, 2025 07:00 AM

Chanakya Niti: चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास के महानतम राजनेता, दार्शनिक और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने न केवल मौर्य साम्राज्य की नींव रखी बल्कि राजनीति, अर्थशास्त्र, जीवन-दर्शन और व्यवहारिक नीति के...
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Chanakya Niti: चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास के महानतम राजनेता, दार्शनिक और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने न केवल मौर्य साम्राज्य की नींव रखी बल्कि राजनीति, अर्थशास्त्र, जीवन-दर्शन और व्यवहारिक नीति के क्षेत्र में अद्भुत शिक्षाएं दीं, जिन्हें हम आज चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं। चाणक्य नीति केवल शासकों या राजनेताओं के लिए नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए जीवन जीने की एक व्यावहारिक और सिद्धि प्राप्त करने वाली मार्गदर्शिका है। यदि हम इनके बताए गए सिद्धांतों और उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएं, तो सुख-समृद्धि, सफलता और संतोष की कोई कमी कभी नहीं होगी।
संगत का महत्व
चाणक्य कहते हैंअच्छे और बुद्धिमान लोगों की संगत जीवन में प्रगति का मूलमंत्र है। खराब संगति न केवल समय और ऊर्जा की बर्बादी है बल्कि यह व्यक्ति के चरित्र और सम्मान को भी हानि पहुंचाती है। सही और समर्थ मित्रों के साथ समय बिताएं जो आपको सीखने, सुधारने और आगे बढ़ने में मदद करें।

ज्ञान की कोई कमी नहीं होती
चाणक्य का एक प्रमुख उपदेश है कि “ज्ञान ही सबसे बड़ा धन है”। ज्ञान को कभी भी छोटा न समझें। यह धन, पद, या वैभव से कहीं अधिक मूल्यवान है। ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है। नित नए विषयों को सीखते रहें, खुद को अपडेट रखें। ज्ञान ही आपके विचारों को परिपक्वता और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
स्वयं पर भरोसा और आत्मशक्ति
चाणक्य कहते हैं स्वयं की शक्ति पर भरोसा रखो, दुनिया की कोई ताकत तुम्हें हरा नहीं सकती। आत्मविश्वास जीवन की हर कठिनाई को पार करने का प्रथम कदम है। खुद की योग्यता पर विश्वास रखें, निरंतर प्रयास करते रहें और हार मानना मत। सफल वही होता है जो निरंतर संघर्ष करता है।
धन की बचत और सही उपयोग
धन कमाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उसे सही तरीके से खर्च करना। चाणक्य नीति में कहा गया है कि धन का सदुपयोग करना चाहिए, बिना सोचे समझे खर्च करने से धन ह्रास होता है। अविवेकपूर्ण खर्च से बचें, बचत की आदत डालें और निवेश करें। धन का सही प्रबंधन ही आर्थिक समृद्धि की कुंजी है।

धैर्य और संयम
जीवन में सफलता और समृद्धि पाने के लिए धैर्य का होना आवश्यक है। चाणक्य कहते हैं धैर्य रखने वाला व्यक्ति हर संकट से बाहर निकल सकता है। संकटों में घबराएं नहीं, धैर्य बनाए रखें और सोच-समझकर निर्णय लें। संयमित जीवनशैली से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
संकट में सही निर्णय लें
चाणक्य का उपदेश है मुश्किल समय में समझदारी से काम लेना चाहिए।” संकट की घड़ी में जल्दबाजी न करें, ठंडे दिमाग से विश्लेषण करें और बेहतर विकल्प चुनें। अस्थिर मानसिकता से लिए गए फैसले अक्सर नुकसानदायक होते हैं। इसलिए परिस्थितियों को समझकर ही कदम बढ़ाएं।
