Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Dec, 2025 11:57 AM

Chanakya Niti: जीवन में आगे बढ़ने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए सही समय पर, सही निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, कई बार हम बड़े या ज़रूरी फैसले लेते समय डरने लगते हैं। हमें परिणाम की चिंता सताने लगती है, और इसी डर के कारण हम या तो फैसला...
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Chanakya Niti: जीवन में आगे बढ़ने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए सही समय पर, सही निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, कई बार हम बड़े या ज़रूरी फैसले लेते समय डरने लगते हैं। हमें परिणाम की चिंता सताने लगती है, और इसी डर के कारण हम या तो फैसला टाल देते हैं या फिर जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं। आचार्य चाणक्य, जो एक महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे, उन्होंने अपनी 'नीति' में जीवन प्रबंधन से जुड़े कई अमूल्य सिद्धांत दिए हैं। ये सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने सदियों पहले थे। अगर आपको भी ज़रूरी फैसले लेने से डर लगता है, तो चाणक्य नीति की ये विशेष बातें आपके लिए मार्गदर्शक का काम कर सकती हैं:
धैर्य रखें और जल्दबाजी से बचें
चाणक्य नीति की सबसे पहली और महत्वपूर्ण सलाह है कि भविष्य से जुड़े या जीवन के जरूरी फैसले लेते समय आपको जल्दबाजी से बचना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आवेग या जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत होते हैं, जिससे बाद में केवल पछतावा ही होता है। जब स्थिति कठिन हो, तो अपने मन को शांत रखें। हर पहलू का गहन विश्लेषण करें और उसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचें। शांति और धैर्य सही दिशा दिखाते हैं।
परिणामों के डर को छोड़ें
कई बार हम फैसला इसलिए नहीं ले पाते क्योंकि हमें उसके संभावित बुरे परिणामों का डर सताता रहता है। चाणक्य नीति कहती है कि हमें नतीजों के बारे में सोचकर फैसले लेने से डरना नहीं चाहिए क्योंकि इसी में व्यक्ति का आत्म-विकास छुपा हुआ है। यदि आपका फैसला गलत भी साबित हो जाए, तो निराश न हों। आचार्य चाणक्य का मानना है कि गलतियां हार नहीं होतीं, बल्कि वह हमें एक नई सीख देती हैं। हर गलती आपको अगली बार के लिए बेहतर तैयारी करने का मौका देती है। असफलता के डर को छोड़ने के बाद ही आप सही और गलत में भेद कर पाते हैं।

फायदे और नुकसान का विवेकपूर्ण विश्लेषण करें
किसी भी बड़े फैसले से पहले, उसके हर पहलू पर विचार करना बुद्धिमानी है। चाणक्य के अनुसार, किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले स्थिति का विवेकपूर्ण और गहन विश्लेषण करें। आपको सभी तथ्यों, संभावित परिणामों और जोखिमों का आकलन करना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार, यह देखें कि फैसले से समाज, परिवार और स्वयं का क्या भला होगा, और क्या नुकसान। अगर किसी फैसले में केवल नुकसान ही नजर आ रहा है, तो ऐसे फैसलों से बचना चाहिए।
अनुभवी लोगों से सलाह लें
आप भले ही कितने भी बुद्धिमान हों, लेकिन दूसरों के अनुभवों का लाभ लेना हमेशा फायदेमंद होता है। चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान और अनुभवी व्यक्तियों की सलाह आपको जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करती है। दूसरों का अनुभव आपका मार्गदर्शन कर सकता है। बड़े-बुजुर्गों या अनुभवी लोगों की सलाह पर गुस्सा करने के बजाय, उन्हें धैर्य के साथ सुनना चाहिए और उनके अनुभवों का सम्मान करना चाहिए। उनकी बातों को सुनने से आपका दृष्टिकोण व्यापक होता है।
