Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Dec, 2025 10:11 AM

आचार्य चाणक्य ने नीतियों और जीवन प्रबंधन के ज्ञान में हमेशा स्त्रियों को विशेष महत्व दिया। उनकी दृष्टि में केवल आर्थिक समृद्धि लाना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि स्त्री का व्यक्तित्व और उसके गुण पूरे परिवार के सुख, शांति और उन्नति के लिए निर्णायक...
नेशनल डेस्क: आचार्य चाणक्य ने नीतियों और जीवन प्रबंधन के ज्ञान में हमेशा स्त्रियों को विशेष महत्व दिया। उनकी दृष्टि में केवल आर्थिक समृद्धि लाना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि स्त्री का व्यक्तित्व और उसके गुण पूरे परिवार के सुख, शांति और उन्नति के लिए निर्णायक होते हैं। आइए जानते हैं वे गुण जो किसी महिला को घर की लक्ष्मी बनाते हैं।
1. घर संभालने की कला
चाणक्य के अनुसार वह महिला लक्ष्मी के समान मानी जाती है जो घर को प्यार, समझ और जिम्मेदारी के साथ जोड़कर रखती है। ऐसी स्त्री की वजह से घर में अनुशासन, व्यवस्था और सामंजस्य बना रहता है। वह केवल आर्थिक समृद्धि ही नहीं लाती, बल्कि परिवार के रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बनाती है।
2. धैर्य और विनम्रता
कोमल स्वभाव, सबको सम्मान देना और हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना घर में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है। चाणक्य बताते हैं कि ऐसी महिला के रहते हुए घर तनावमुक्त और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है।
3. मेहनती और कर्मठ
परिवार की खुशहाली में सक्रिय भूमिका निभाने वाली स्त्री मेहनत और लगन में विश्वास रखती है। चाहे घर के कार्य हों या बाहर की जिम्मेदारियां, उसकी सतत कोशिश परिवार को आगे बढ़ाती है। मेहनती महिला खुद उन्नति पाती है और अपने परिवार को भी प्रगति की राह दिखाती है।
4. अच्छे संस्कार और नैतिकता
सदाचार, ईमानदारी, दया और सादगी जैसे गुण वाली स्त्री घर में नैतिक और आध्यात्मिक उन्नति लाती है। उसकी दूरदृष्टि और विवेक कठिन परिस्थितियों में भी सही निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं, जिससे संकट अवसर में बदल सकता है।