चाणक्य नीति: दानवीर ही सबसे बड़ा वीर

Edited By Updated: 12 Jun, 2022 10:12 AM

chanakya niti in hindi

चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में मान जीवन के हित से जुड़े श्लोक लिखे हैं, जिनका न केवल उस समय में भी अत्याधिक मूल्य था बल्कि आज भी अगर कोई व्यतक्ति इन बातों पर अमल करने का मन

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में मान जीवन के हित से जुड़े श्लोक लिखे हैं, जिनका न केवल उस समय में भी अत्याधिक मूल्य था बल्कि आज भी अगर कोई व्यतक्ति इन बातों पर अमल करने का मन बना लेता है उसका जीवन निखर जाता है। तो चलिए बिना देर किए हुए जानते हैं आचार्य चाणक्य के कुछ ऐसे ही श्लोक जो मानव जीवन के लिए उपयोगी माने गए हैं।

PunjabKesari Chanakya Niti In Hindi, Chanakya Gyan

‘गुरुओं’ की आलोचना नहीं

चाणक्य नीति श्लोक-
न मीमास्या गुरव:।
भावार्थ : गुरु शिक्षा देता है, शिष्य का जीवन संवारता है। वह कभी अपने शिष्य का अहित नहीं करता। ऐसे गुरु की कभी आलोचना नहीं करनी चाहिए। गुरु का स्थान परमात्मा से भी बड़ा है।

‘दुष्टता’ नहीं अपनानी चाहिए

चाणक्य नीति श्लोक-
खलत्वं नोपेयात्।
भावार्थ : दुष्ट व्यक्ति निकम्मा होता है, चुगलखोर होता है, दूसरों का बुरा चाहने वाला होता है, भोग विलास में लिप्त रहता है। वह कभी भी धोखा दे सकता है। अत: ऐसे दुष्ट व्यक्ति की संगति कभी नहीं करनी चाहिए और उसकी दुष्टता को कभी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
 
‘झूठ’ से दूर रहें

चाणक्य नीति श्लोक-
नानृतात्पातकं परम्।
भावार्थ : झूठे व्यक्ति को सदैव दुखों का सामना करना पड़ता है। झूठ के द्वारा वह दूसरों को ही कष्ट नहीं पहुंचाता, स्वयं को भी दुखी करता है।

PunjabKesari Chanakya Niti In Hindi, Chanakya Gyan

‘दुष्ट’ व्यक्ति का कोई मित्र नहीं होता

चाणक्य नीति श्लोक-
नास्ति खलस्य मित्रम्।
भावार्थ : दुष्ट व्यक्ति स्वभाव से ही नीच होते हैं और सदैव नीचता के कामों में ही लिप्त रहते हैं। ऐसे नीच व्यक्तियों का कोई मित्र नहीं होता। ये मित्र बना कर भी दगा करते हैं, धोखा देते हैं। इनसे कभी सम्पर्क नहीं रखना चाहिए।

निर्धनता एक अभिशाप

लोकयात्रा दरिद्रं बाधते।
भावार्थ : संसार में निर्धन व्यक्ति का आना उसे दुखी करता है। निर्धनता एक अभिशाप है। निर्धन व्यक्ति इस संसार के किसी सुख को पाने का अधिकारी नहीं होता। इस कारण सभी उसका साथ छोड़ जाते हैं इसलिए मनुष्य को सर्वप्रथम अपनी निर्धनता को दूर करने का उपाय करना चाहिए।

दानवीर ही सबसे बड़ा वीर

चाणक्य नीति श्लोक-
अतिशूरो दानशूर:।
भावार्थ : संसार में जो याचक को दान नहीं देता, वह निकृष्ट और कायर है। वास्तव में वह मृतक समान है।

कवि रहीम ने कहा है- ‘रहिमन वे नर मर चुके जो कुछ मांगन जाई। उनते पहले वे मुए, जिन मुख निकसत नाई।’

भाव यही है कि जो मांगते हैं वे तो मरे हुए हैं ही क्योंकि निर्धनता वैसे ही ऐसे लोगों को जीते जी मार देती है परंतु जिनके मुख से दान देने के लिए ‘नहीं’ निकलता है वे उनसे भी पहले मरे हुए के समान हैं।

PunjabKesari Chanakya Niti In Hindi, Chanakya Gyan

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!