Chaturmas 2025: सिर्फ 5 मिनट का जाप, चातुर्मास में भगवान शिव का ये स्तोत्र बदल सकता है जीवन

Edited By Updated: 17 Jul, 2025 07:00 AM

chaturmas 2025

Chaturmas 2025: चातुर्मास हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक काल होता है, जो वर्ष के चार महीनों के लिए निर्धारित होता है। इस समय भगवान शिव की आराधना और उनके स्तोत्रों का जाप विशेष फलदायक माना जाता है। यह अवधि मानसून के दौरान आती है, जब प्रकृति...

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Chaturmas 2025: चातुर्मास हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक काल होता है, जो वर्ष के चार महीनों के लिए निर्धारित होता है। इस समय भगवान शिव की आराधना और उनके स्तोत्रों का जाप विशेष फलदायक माना जाता है। यह अवधि मानसून के दौरान आती है, जब प्रकृति अपने आप को पुनर्जीवित कर रही होती है और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी यह एक श्रेष्ठ समय होता है। खासकर रोग-दोष और नकारात्मकताओं से छुटकारा पाने के लिए इस समय शिव स्तोत्रों का जाप अत्यंत लाभकारी साबित होता है। भगवान शिव को समस्त ब्रह्माण्ड का नाशकर्ता और पुनर्निर्माता माना गया है। उनके रूप में तपस्वी, योगी और कल्याणकारी देवता विराजमान हैं, जो बीमारियों, पापों और दोषों को दूर करने की शक्ति रखते हैं। खासकर रोग-दोष, जो ज्योतिष में ग्रहों की अशुभ प्रभाव या जीवन में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में माना जाता है, शिवजी की पूजा से दूर हो सकता है। उनके नाम के जाप से मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार की बीमारियों से राहत मिलती है।

पंचाक्षर स्तोत्र का जाप

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥
मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥

चातुर्मास में शिव स्तोत्र जाप के फायदे


शिव स्तोत्रों के जाप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पुरानी बीमारियां दूर होती हैं।

सावन महीने में इसके नियमित जाप से मन शांत रहता है, तनाव, चिंता और भय कम होता है।

ज्योतिष के अनुसार कई बार ग्रह दोष के कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती हैं। शिव जी के मंत्र ग्रहों के दुष्प्रभावों को कम करते हैं।

स्वस्थ शरीर से व्यक्ति अपनी मेहनत से धन कमाने में सक्षम होता है, जिससे समृद्धि भी आती है।
 

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