Dev Surya Mandir: अनूठा है औरंगाबाद का प्राचीन देव सूर्य मंदिर, पूर्व से नहीं बल्कि पश्चिम से खुलता है इसका मुख्य द्वार

Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Dec, 2023 10:35 AM

dev surya mandir

बिहार के औरंगाबाद को सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है जिसकी वजह  है अनूठा देव सूर्य मंदिर। भारत में हिंदुओं का यह पहला मंदिर है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Dev Surya Mandir: बिहार के औरंगाबाद को सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है जिसकी वजह  है अनूठा देव सूर्य मंदिर। भारत में हिंदुओं का यह पहला मंदिर है, जिसका मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में है। पश्चिमाभिमुख देव सूर्य मंदिर को ‘दवार्क’ माना जाता है।

मंदिर को पौराणिकता, शिल्पकला और महत्ता विरासत में मिली है जो अपनी भव्यता के लिए जहां प्रसिद्ध है, वहीं आस्था का बहुत बड़ा केंद्र भी है। इसी कारण प्रतिवर्ष यहां कार्तिक और चैत्र मास में होने वाले छठ में बहुत बड़ा मेला लगता है। मान्यताओं के अनुसार, इस सूर्य मंदिर का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा ने किया है।

PunjabKesari Dev Surya Mandir

मंदिर के बाहर संस्कृत में लिखे श्लोक के अनुसार राजा इला के पुत्र पुरुरवा ऐल ने 12 लाख 16 हजार वर्ष त्रेता युग के गुजर जाने के बाद इस मंदिर का निर्माण प्रारंभ करवाया था। इस शिलालेख को मानें तो इस पौराणिक महत्ता वाले मंदिर का निर्माण काल 1 लाख 50 हजार 22 वर्ष पुराना है। वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) ने पांचवीं से छठी सदी गुप्त काल को इसका निर्माण काल बताया है।

PunjabKesari Dev Surya Mandir

अनूठी शिल्पकला
यह मंदिर अपनी अनूठी शिल्पकला के लिए विख्यात है। पत्थरों को तराश कर उत्कृष्ट नक्काशी द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया है जो शिल्पकला की अनूठी मिसाल है। मंदिर का शिल्प उड़ीसा के विश्वप्रसिद्ध कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर से मिलता है। यह मंदिर दो भागों में बना हुआ है। पहला गर्भ गृह, जिसके ऊपर कमल के आकार का शिखर है और इसके ऊपर सोने का कलश है। दूसरा भाग मुख मंडप है, जिसके ऊपर एक पिरामिडनुमा छत और छत को सहारा देने के लिए नक्काशीदार पत्थरों का स्तम्भ बना है। मंदिर के प्रांगण में सात रथों से सूर्य की उत्कीर्ण प्रस्तर मूर्तियां अपने तीनों स्वरूप उदयांचल, मध्यांचल और अस्तांचल के रूप में विद्यमान हैं। इन्हें कुछ लोग सृष्टि के तीनों रचनाकार ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी कहते हैं।

PunjabKesari Dev Surya Mandir

औरंगजेब से जुड़ी किंवदंतियां
किंवदंतियों के अनुसार मूही अल-दीन मोहम्मद जिसे आलमगीर या औरंगजेब के नाम से जाना जाता था, के द्वारा पूरे भारत में मंदिर तोड़ते हुए औरंगाबाद के देव पहुंचने पर यहां के पुजारियों ने इस मंदिर को न तोड़ने की आरजू-विनती की लेकिन औरंगजेब यह कहते हुए वहां से चला गया कि अगर तुम्हारे भगवान में शक्ति है तो इसका दरवाजा पश्चिम को हो जाए। पुजारी रात्रि भर सूर्य भगवान से प्रार्थना करते रहे कि हे भगवान औरंगजेब की बात सही साबित हो जाए। कहा जाता है कि अहले सुबह जब पुजारी मंदिर पहुंचे तो मुख्य द्वार पूर्व न होकर पश्चिमाभिमुख हो चुका था, तब से देव सूर्य मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम की तरफ में ही है।

PunjabKesari Dev Surya Mandir

खारा है तालाब का पानी
यहां पर तालाब भी हैं। एक तालाब को लोग सूर्यकुंड कहते हैं। इस तालाब का संबंध समुद्र से बताया गया है। शायद इसीलिए इस देव नगरी के करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक कुएं और तालाब का पानी खारा है। मंदिर के साथ लगते तालाब के बारे में बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निर्वासित राजा ऐल को यहां स्नान करने से कुष्ठ जैसे असाध्य रोग से मक्ति मिली थी। तालाब में ही तीन मूर्तियां मिलीं, जिन्हें राजा ने मंदिर बनवा कर उसमें त्रिदेव स्वरूप आदित्य भगवान को स्थापित कर दिया। प्राचीन काल से इस मंदिर की परम्परा के अनुसार, प्रतिदिन सुबह चार बजे भगवान को जगा कर स्नान के उपरांत वस्त्र पहनाकर फूल-माला चढ़ाकर प्रसाद के भोग लगाए जाते हैं। उसके बाद ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ भगवान को सुनाने की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है।

PunjabKesari Dev Surya Mandir
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!