Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Dec, 2025 08:27 AM

Ayodhya Ram Mandir : रामनगरी अयोध्या में पड़ रही भीषण ठंड को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला की सेवा-पद्धति में सर्दियों के अनुसार विशेष बदलाव किए गए हैं। मंदिर प्रशासन और पुजारियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि बाल...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ayodhya Ram Mandir : रामनगरी अयोध्या में पड़ रही भीषण ठंड को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला की सेवा-पद्धति में सर्दियों के अनुसार विशेष बदलाव किए गए हैं। मंदिर प्रशासन और पुजारियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि बाल स्वरूप में विराजमान प्रभु को ठंड से किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गर्भगृह और राम दरबार में की गई हीटिंग की व्यवस्था
पुजारियों के अनुसार, प्रभु रामलला और राजा राम को शीतलहर से सुरक्षित रखने के लिए मंदिर परिसर में दो ऑयल हीटर लगाए गए हैं। एक हीटर मंदिर के भूमितल पर स्थित गर्भगृह में रामलला के लिए लगाया गया है, जबकि दूसरा प्रथम तल पर बने राम दरबार में राजा राम की सेवा हेतु स्थापित किया गया है।
गुनगुने जल से स्नान और रात्रि में रजाई का प्रबंध
सर्द मौसम को ध्यान में रखते हुए प्रभु रामलला को अब रोजाना हल्के गुनगुने जल से स्नान कराया जा रहा है। वहीं रात के समय शीत से बचाव के लिए उन्हें रजाई ओढ़ाई जाती है। मंदिर परिसर में तापमान संतुलन बनाए रखने पर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
सर्दियों के अनुसार बदला गया भोग
ठंड के मौसम को देखते हुए प्रभु रामलला के भोग में भी परिवर्तन किया गया है। अब भोग में पूड़ी-सब्जी के साथ केसर मिला दूध और देसी घी से बना हलवा शामिल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रबड़ी और खुरचन के पेड़े भी अर्पित किए जा रहे हैं, जिन्हें शीत ऋतु में ऊर्जा देने वाला माना जाता है।
अयोध्या में बढ़ा ठंड और कोहरे का असर
अयोध्या में एक बार फिर ठंड का प्रकोप तेज हो गया है। शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शहर में घना कोहरा छाया रहा और शीतलहर का असर लगातार बना हुआ है।
रामलला की सेवा में बढ़ाई गई सतर्कता
मौसम की गंभीरता को देखते हुए मंदिर में विराजमान पांच वर्षीय बाल स्वरूप प्रभु रामलला की दिनचर्या पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुजारी और सेवक हर स्तर पर सतर्कता बरत रहे हैं, ताकि ठंड का कोई भी प्रभाव प्रभु पर न पड़े।