Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 01:28 PM
भारत में एेसे कई मंदिर है जो अपने रहस्य को लेकर विश्वभर में प्रसिद्ध है। उन्हीं में से एक कश्मीर में श्रीनगर के तुलमुल गांव में खीर भवानी के नाम से एक देवी मंदिर विख्यात है। इस मंदिर के बारे में पौराणिक एक कहानी प्रचलित है जो इसके आकर्षण का मुख्य...
भारत में एेसे कई मंदिर है जो अपने रहस्य को लेकर विश्वभर में प्रसिद्ध है। उन्हीं में से एक कश्मीर में श्रीनगर के तुलमुल गांव में खीर भवानी के नाम से एक देवी मंदिर विख्यात है। इस मंदिर के बारे में पौराणिक एक कहानी प्रचलित है जो इसके आकर्षण का मुख्य केंद्र है। यह श्रीनगर से 14 कि.मी की दूरी पर स्थित है। शीर भवानी का यह मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। आईए जानें इसके बारे में प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में -
पौराणिक कथा
रावण से नाखुश श्रीलंका से श्रीनगर में हुई विराजमान देवी
इस मंदिर की स्थापना को लेकर यहां के लोगों अनुसार पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है। मान्यता अनुसार रावण देवी का परम भक्त था और देवी खीर भवानी के मंदिर की स्थापना श्रीलंका में रावण ने ही की थी। लेकिन रावण की गलत आदतों से देवी रुष्ट हो गई और उन्होंने राम भक्त हनुमान को आदेश दिया कि वे उनकी प्रतिमा को वहां से हटा कर कहीं और स्थापित करें। तब पवनपुत्र हनुमान ने उनको उठा कर कश्मीर के तुलमुल में स्थापित कर दिया। तब से देवी का ये मंदिर यहां पर स्थापित है।
मुसीबत से पहले देवी मां देती हैं संकेत
यहां की एक और प्रचलित मान्यता यह है कि यहां पर कोई भी प्राकृतिक आपदा के आने से पहले मंदिर के कुण्ड का पानी काला पड़ जाता है और इस तरह से देवी मां अपने भक्तों को कोई भी मुसीबत आने से पहले ही संकट की सूचना दे देती हैं।
इसलिए पड़ा खीर भवानी नाम
देवी दुर्गा के इस मंदिर में देवी मां को कई नामों से पुकारा जाता है- जैसे महारज्ञा देवी़, राज्ञा देवी, रजनी देवी आदि। लेकिन यहां का सबसे प्रचलित नाम खीर भवानी है। यहां देवी मां को खीर भवानी कहने के पीछे एक अनोखा कारण यह है कि हर वसंत ऋतु पर देवी मां को खीर चढ़ाई जाती है इसलिए इनको नाम 'खीर भवानी' का नाम से पुकारा जाता है।