Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Dec, 2025 01:31 PM

Gautama Buddha Story : भगवान बुद्ध एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन का आयोजन किया। भगवान बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। लोगों में कानाफूसी होने...
Gautama Buddha Story : भगवान बुद्ध एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन का आयोजन किया। भगवान बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। लोगों में कानाफूसी होने लगी कि कैसा भक्त है कि प्रवचन का आयोजन करके स्वयं गायब हो गया। प्रवचन खत्म होने के बाद सब लोग चले गए। रात में किसान घर लौटा।
भगवान बुद्ध ने पूछा, ‘‘कहां चले गए थे ? गांव के सभी लोग तुम्हें ढूंढ रहे थे।’’
किसान ने कहा, ‘‘दरअसल प्रवचन की सारी व्यवस्था हो गई थी, पर तभी अचानक मेरा बैल बीमार हो गया। पहले तो मैंने घरेलू उपचार करके उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो मुझे उसे लेकर पशु चिकित्सक के पास जाना पड़ा. अगर नहीं ले जाता तो वह नहीं बचता। आपका प्रवचन तो मैं बाद में भी सुन लूंगा।’’
अगले दिन सुबह जब गांव वाले पुन: महात्मा बुद्ध के पास आए तो उन्होंने किसान की शिकायत करते हुए कहा कि यह आपका भक्त होने का दिखावा करता है। महात्मा
बुद्ध ने उन्हें पूरी घटना सुनाई और फिर समझाया, ‘‘उसने प्रवचन सुनने की जगह कर्म को महत्व देकर यह सिद्ध कर दिया कि मेरी शिक्षा को उसने बिल्कुल ठीक ढंग से समझा है।
मैं यही तो कहता हूं कि अपने विवेक और बुद्धि से सोचो कि कौन-सा काम पहले किया जाना जरूरी है। मेरे प्रवचन का सार यही है कि सब कुछ त्याग कर प्राणी मात्र की रक्षा करो।’’
इस घटना के माध्यम से गांव वालों ने भी उनके प्रवचन का भाव समझ लिया।