Devkinandan Thakur Pravachan: गरीबी और परेशानियों की वजह बनती हैं ये 4 आदतें, देवकीनंदन ठाकुर जी ने बताया-इन्हें छोड़ते ही चमकने लगती है किस्मत

Edited By Updated: 09 Dec, 2025 11:23 AM

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Devkinandan Thakur Pravachan: मशहूर आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार कुछ आदतें व्यक्ति की किस्मत को तेजी से नीचे ले जाती हैं। वे कहते हैं कि यदि इन आदतों को तुरंत छोड़ दिया जाए तो जीवन में सफलता, धन और खुशहाली अपने आप बढ़ने लगती है।

Devkinandan Thakur Pravachan: मशहूर आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार कुछ आदतें व्यक्ति की किस्मत को तेजी से नीचे ले जाती हैं। वे कहते हैं कि यदि इन आदतों को तुरंत छोड़ दिया जाए तो जीवन में सफलता, धन और खुशहाली अपने आप बढ़ने लगती है।

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देवकीनंदन ठाकुर जी का संदेश: किस्मत खराब नहीं, आदतें गलत होती हैं

हर व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में गरीबी या संकट न आएं। लोग सफलता के लिए भागते हैं लेकिन जब मंज़िल नहीं मिलती, तो वे किस्मत को दोष देने लगते हैं। आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार हार का असली कारण अक्सर मनुष्य की बुरी आदतें ही होती हैं। वे कहते हैं, "कर्म और आदतें बदलते ही भाग्य अपने आप बदलने लगता है।"

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ये 4 आदतें किसी को भी बना सकती हैं गरीब
गुरुजी बताते हैं कि ये चार बुरी आदतें व्यक्ति के जीवन में गरीबी, संघर्ष और मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण बनती हैं।देर तक सोने की आदत
सुबह देर से उठने वाला व्यक्ति दिन की शुरुआत ही पीछे से करता है। अवसर हाथ से निकल जाते हैं। शरीर सुस्त रहता है। 
काम में मन नहीं लगता। गुरु जी कहते हैं, "सूर्योदय से पहले उठने वाला व्यक्ति कभी गरीब नहीं होता।"आलस में रहने की आदत
किसी भी काम को कल पर टालना कमजोरी नहीं, बल्कि सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है।
लक्ष्य अधूरे रह जाते हैं
तरक्की रुक जाती है
मेहनत का फल नहीं मिलता
मोबाइल में ज्यादा समय बिताना
फालतू स्क्रॉलिंग मानसिक ऊर्जा खत्म कर देती है।
समय की बर्बादी
एकाग्रता कमजोर
करियर और पढ़ाई पर असर
घंटों गपशप करने की आदत
लंबी-लंबी फालतू बातें मस्तिष्क और समय दोनों को नुकसान पहुंचाती हैं।
कामकाज की लय टूटती है
पैसे कमाने के अवसर छूटते हैं
नकारात्मकता बढ़ती है

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अमीर बनना चाहते हैं तो अपनाएं ये अच्छी आदतें
सुबह जल्दी उठना शुरू करें
दिन का पहला घंटे सबसे उत्पादक होता है।
लक्ष्य पर फोकस रखें
जो काम कर रहे हों, वहीं मन लगाएं।
मेहनत को आदत बनाएं

गुरुजी कहते हैं, “भाग्य वहीं चमकता है जहां कर्म होते हैं।”
ईश्वर भक्ति से मन को शांत करें
भक्ति व्यक्ति को अनुशासन और सादगी सिखाती है।
मोबाइल का कम उपयोग करें
टाइम मैनेजमेंट सफलता की चाबी है।

कौन हैं देवकीनंदन ठाकुर जी?
भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक श्रीमद्भागवत कथा और रामकथा के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध निम्बार्क संप्रदाय से संबंधित विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक है देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज। उनका जन्म मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बचपन से ही श्रीकृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। वेद, पुराण और शास्त्रों के गहन विद्वान हैं। सेवा, दान, धर्म और भक्ति को जीवन का प्रमुख आधार बताते हैं।

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