Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Apr, 2025 01:39 PM

Earth Day 2025: 22 अप्रैल 1970 को पृथ्वी दिवस ने आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत को चिन्हित किया। लगभग 20 लाख अमेरिकी लोगों ने एक स्वस्थ, स्थायी पर्यावरण के लक्ष्य के साथ भाग लिया। हजारों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने पर्यावरण के दूषण के विरुद्ध...
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Earth Day 2025: 22 अप्रैल 1970 को पृथ्वी दिवस ने आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत को चिन्हित किया। लगभग 20 लाख अमेरिकी लोगों ने एक स्वस्थ, स्थायी पर्यावरण के लक्ष्य के साथ भाग लिया। हजारों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने पर्यावरण के दूषण के विरुद्ध प्रदर्शनों का आयोजन किया। पृथ्वी दिवस अमेरिका और दुनिया में लोकप्रिय साबित हुआ।
22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) की शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। 1969 में सांता बारबरा, कैलिफोर्निया में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वह इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया। 1970 से 1990 तक यह पूरे विश्व में फैल गया और 1990 से इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे हर साल अरबों लोग मनाते हैं और यह शायद उन कार्यक्रमों में से एक है जिसे सर्वाधिक तौर पर मनाया जाता है।

इसलिए चुना 22 अप्रैल का दिन
सीनेटर नेल्सन ने ऐसी तारीख को चुना जो कॉलेज कैम्पस में पर्यावरण शिक्षण की भागीदारी को अधिकतम कर सके। उन्हें इसके लिए 19-25 अप्रैल तक का सप्ताह सर्वोत्तम लगा क्योंकि यह न तो परीक्षा और न ही वसंत की छुट्टियों का समय होता है। न ही इस समय धार्मिक छुट्टियां होती हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा छात्रों के कक्षा में रहने की उम्मीद थी, इस कारण उन्होंने 22 अप्रैल का दिन चुना।

बरकरार है खतरा
भले ही हम इतने वर्षों से विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं और देश व दुनिया के पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं लेकिन इसके बावजूद पृथ्वी पर मंडराता खतरा जस का तस बना हुआ है। सबसे बड़ा खतरा तो इसे ग्लोबल वार्मिंग से है। धरती के तापमान में लगातार बढ़ते स्तर को ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। वर्तमान में यह पूरे विश्व के समक्ष बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। माना जा रहा है कि धरती के वातावरण के गर्म होने का मुख्य कारण ग्रीनहाऊस गैसों के स्तर में वृद्धि है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया और इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व के देशों द्वारा तुरंत कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब धरती अपने अंत की ओर अग्रसर हो जाएगी।
