Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2022 08:07 AM

भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर आने वाला गजलक्ष्मी व्रत इस बार 3 सितंबर 2022 को पड़ रहा है। देवी लक्ष्मी के ये लंबे उपवास तिथि क्षय व वृद्धि होने से 15, 16 या 17 दिन के होते हैं। इस बार वर्ष 2022
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Gaja Lakshmi Vrat 2022: भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर आने वाला गजलक्ष्मी व्रत इस बार 3 सितंबर 2022 को पड़ रहा है। देवी लक्ष्मी के ये लंबे उपवास तिथि क्षय व वृद्धि होने से 15, 16 या 17 दिन के होते हैं। इस बार वर्ष 2022 में ये व्रत 15 दिन तक चलेंगे यानी 17 सितंबर 2022 तक रहेंगे। इस व्रत की महिमा का शब्दों में बखान करना मुश्किल है। जो भी महिला-पुरुष इस व्रत को धारण करते हैं, उनके घर से सुख-समृद्धि कभी भी रुष्ट नहीं होती। धन प्राप्ति और वंश वृद्धि में कभी कोई रुकावट नहीं आती। लंबी अवधी तक चलने वाले इस व्रत में अन्न का त्याग करके फलाहार रहकर देवी लक्ष्मी के 8 रूपों का पूजन किया जाता है। देवी लक्ष्मी के ये 8 रुप घर में अन्न, धन, सौभाग्य विजय, संतान, ऐश्वर्य, मोक्ष और कीर्ति, प्रदान करने वाले होते हैं।
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Gaj Laxmi Vrat Puja Vidhi : इस दिन प्रात: उठकर घर की उत्तर या ईशान कोण की तरफ कच्ची मिट्टी अथवा गोबर से लेप करके उस पर अष्ट दल बनाया जाता है। उसके ऊपर लकड़ी का बाजोट एक सुंदर कपड़ा बिछाकर उस पर कलश अथवा कुंभ की स्थापना करें। गुलाबी या क्रीम रंग के रेशमी कपड़े पर देवी लक्ष्मी के प्रतिरूप को विराजित करें। पंचामृत से स्नान के बाद देवी को पुष्प अर्पित करें। देवी के सामने 16 हल्दी की गांठ, लौंग, सुपारी, पान के पत्ते, मेवे, फल, मिठाई और पीले रंग का 16 गांठ लगा हुआ धागा देवी के चरणों से लगाकर खुद बांधे और परिवार के बाकी सदस्यों को भी बांधें। इसके साथ ही 15 दिन का संकल्प देवी के सामने करें।
Significance of Gaja Lakshmi Vrat: गजलक्ष्मी व्रत को करने से व्रत करने से व्रती के अंदर तेज व देवी लक्ष्मी की अद्भुत ऊर्जा का बहाव बढ़ जाता है। ऐसे में व्रती के मुख से निकली इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं। पश्चिम दिशा की ओर मुख करके 16वें दिन देवी लक्ष्मी के आगे याचना करने से सर्व मनोरथ पूरे होते हैं।
नीलम
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