Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Aug, 2025 07:53 AM

Ganesh Chaturthi Ganesh Visarjan 2025: गणेश उत्सव के 10 दिन का समय बहुत पवित्र और ऊर्जावान माना जाता है। इस दौरान घर में वास्तु के कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और आनंद बना रहता है। जीवन से नकारात्मक...
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Ganesh Chaturthi Ganesh Visarjan 2025: गणेश उत्सव के 10 दिन का समय बहुत पवित्र और ऊर्जावान माना जाता है। इस दौरान घर में वास्तु के कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और आनंद बना रहता है। जीवन से नकारात्मक ऊर्जा का संचार समाप्त होता है, घर में पनप रही बीमारियां, मानसिक तनाव और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं।
गणेश चतुर्थी से लेकर गणेश विसर्जन तक वास्तु नियम:
गणेश जी की स्थापना की दिशा
गणपति की मूर्ति उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में या घर के पूजा स्थान में रखें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापना शुभ रहती है।
मूर्ति का आसन व सजावट
मूर्ति को लकड़ी की चौकी पर लाल/पीले वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। चौकी के नीचे थोड़ी सी हल्दी, अक्षत और सुपारी रखें, इससे घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।
दीपक व प्रकाश व्यवस्था
मूर्ति के दाहिने (दक्षिण) ओर अखंड दीपक या घी का दीपक जलाएं। पूजा स्थान पर पर्याप्त रोशनी रखें, अंधेरा बिल्कुल न रहे।

सुगंध और वातावरण
रोज़ सुबह-शाम धूप, दीप, कपूर और फूल चढ़ाएं। घर में कपूर और देसी घी से आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
साफ-सफाई
घर और पूजा स्थान विशेषकर उत्तर-पूर्व दिशा को रोज़ साफ रखें। जूते-चप्पल, गंदे कपड़े और कचरा इस दिशा में न रखें।
खाने-पीने में नियम
घर में प्याज-लहसुन और मांसाहार का प्रयोग न करें। प्रसाद (मोदक, लड्डू) बनाने और बांटने में शुद्धता रखें।
ध्वनि और मंत्रोच्चार
सुबह-शाम "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप और आरती अवश्य करें। टीवी, मोबाइल पर ऊंची आवाज़ में नकारात्मक गाने या शोर न करें।

पानी और कलश स्थापना
गणेश स्थापना के समय पास में कलश रखें, जो उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जाए। यह घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
भक्तिभाव और नियम
पूजा के 10 दिनों तक घर में झगड़ा, कटु वाणी, अपशब्द और क्रोध से बचें। घर का वातावरण प्रसन्न और भक्तिमय बनाए रखें।
विसर्जन का नियम
विसर्जन के दिन मूर्ति को घर से बाहर निकालते समय मूर्ति के सामने मुख करके प्रणाम करें। घर लौटकर पूजा स्थल साफ करें और वहां पर एक दीपक जलाकर "गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ" की प्रार्थना करें।
