जन्मदिन पर गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर में नतमस्तक हुए पीएम मोदी, जानिए इस की खासियत

Edited By Updated: 17 Sep, 2019 04:36 PM

garudeshwar dutt temple

यूं तो भारत में बहुत से मंदिर हैं जिनकी प्रसिद्धि न केवल देश में बल्कि विश्वभर में है। मगर ये प्राचीन मंदिर सुर्खियों में तब आते हैं जब इन मंदिरों व धार्मिक स्थल पर कोई बड़ी हस्ती जैसे कोई नेता या फिल्म इंड्रस्टी के लोग जाते हैं।

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यूं तो भारत में बहुत से मंदिर हैं जिनकी प्रसिद्धि न केवल देश में बल्कि विश्वभर में है। मगर ये प्राचीन मंदिर सुर्खियों में तब आते हैं जब इन मंदिरों व धार्मिक स्थल पर कोई बड़ी हस्ती जैसे कोई नेता या फिल्म इंड्रस्टी के लोग जाते हैं। प्रधानमंत्री नरिंद्र मोदी के 69वें जन्मदिवस के मौके पर एक ऐसा ही मंदिर सुर्खियों में आया जिसका नाम है गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर। बता दें ये गुजरात में स्थित है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी के किनारे बने गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर में पूजा अर्चना की। इसी के साथ पीएम ने अपने जन्मदिन के अवसर पर अपने गृह राज्य गुजरात में गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर के जरिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरण को साधने की कवायद की। तिलकवाड़ा गुजरात में स्थित गरुड़ेश्‍वर महादेव मंदिर के के विषय में कहा जाता है कि यहां स्थित शिवलिंग करीब दो हज़ार वर्ष पुराना है जिसकी स्थापना गरुड़ ने की है। यह स्थान भगवान दत्तात्रेय के तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से भक्‍तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं क्‍या है इस मंदिर की खास बातें..
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लोक मान्यता के अनुसार यहां भगवान दत्तात्रेय के इस मंदिर में लगातार 7 हफ्ते तक गुड़ और मूंगफली का प्रसाद चढ़ाया जाए तो दत्तात्रेय भगवान प्रसन्‍न होते हैं। एक अन्य मान्‍यता के अनुसार भगवान दत्तात्रेयनर्मदा नदी में स्‍नान के लिए आते हैं। यही वजह है कि नर्मदा मैया के तट पर दत्त पादुका की पूजा की जाती है। यहां स्नान के बाद भगवान दत्तात्रेय वाराणसी में स्नान के लिए आते हैं ऐसी धार्मिक मान्यता है। 


इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि दत्तात्रेय भगवान के इस मंदिर में अगर कोई व्‍यक्ति 52 गुरुवार तक नियमित रूप से दत्तात्रेय भगवान का पूजन और व्रत करता है तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासतौर पर नौकरी में स्‍थायित्‍व और प्रमोशन मिलता है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि इनकी पूजा से चर्म रोगियों को भी राहत मिलती है। इसके लिए पूजा और आरती के बाद भक्‍तों पर जल छिड़का जाता है। कहते हैं कि इस जल के स्‍पर्श मात्र से ही चर्म रोग से निजात मिल जाती है।
PunjabKesariमहाराष्ट्र के सभी दत्त संप्रदाय के लोग लोग नर्मदा के किनारे स्थिति गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं। ऐसे में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर जाना काफ़ी अहम माना जा रहा है। नर्मदा नदी महाराष्ट्र की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्थितियों से सीधा संबंध रखती है। नर्मदा नदी को प्रदेश के लोगों की जीवन रेखा माना जाता है। महाराष्ट्र में पीने के पानी के बड़े हिस्से की आपूर्ति नर्मदा नदी के जरिए होती है। इसके अलावा नर्मदा के पानी के जरिए बनी बिजली का इस्तेमाल भी महाराष्ट्र के लिए किया जाता है। ऐसे में पीएम मोदी अपना जन्मदिन नर्मदा नदी के किनारे मना रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे भाजपा को महाराष्ट्र के सियासी समीकरण को साधने में भी मदद मिलेगी।
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