...तो इसलिए सूर्य ग्रहण में नहीं बंद होते इन दो मंदिरों के कपाट

Edited By Jyoti,Updated: 21 Jun, 2020 03:37 PM

gaya vishnupad and mahakaal not close during solar eclipse

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ बीते कई दिनों से हम आपको ग्रहण से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी देते आ रहे हैं, इसी बीच हमने आपको बताया कि इस दौरान मंदिरों आदि के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
बीते कई दिनों से हम आपको ग्रहण से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी देते आ रहे हैं, इसी बीच हमने आपको बताया कि इस दौरान मंदिरों आदि के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक कोई मंदिर के कपाट खोले नहीं जाते। ये तो आप सब जान चुके हैं। मगर क्या आप जानते हैं दो ऐसे भी मंदिर है जो ग्रहण काल में भी बंद नहीं किए जाते। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन गया में स्थित विष्णुपद मंदिर तथा उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में ग्रहण काल में भी बंद नहीं होता। बता दें ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर के कपाट सूतक काल व ग्रहण काल में बंद नहीं किए गए। बल्कि इस दौरान सनातन धर्म को मानने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में विशेष रूप से अपने पितरों के लिए पिंडदान किया तथा विष्णुचरण पर उन्हें अर्पित किया। 
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मगर सोचने वाली बात ये है कि जहां हर मंदिर इस दौरान बंद होता है तो ये मंदिर क्यों नहीं होता तो बता दें इसकी वजह स्थानीय निवासी द्वारा बताई गई है। उनके अनुसार विष्णुपद मंदिर एक वेदी के रूप में प्रतिष्ठित है जहां देश-विदेश के सनातन धर्म के मानने वाले लोग सालों भर अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आतें हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो काल शादी-विवाह एवं शुभ कार्य के लिए मनाही होता है उस काल में पिंडदान करने पर दस गुणा लाभ होता है। यही वजह है कि मलमास, अमावस्या और ग्रहण के दौरान सनातन धर्मावलंबी विशेष रूप से पिंडदान और तर्पण करतें हैं। ऐसी किंवन्ती है कि इस दौरान मृत आत्मा गया के आस-पास विचरण करते रहते हैं और उनके संतान द्वारा दिया गया पिंड उन तक पहुंच जाता है, जिससे मौत के बाद भटकती हुई आत्मा को मोक्ष मिल जाती है। तो वहीं बात करें उज्जैन के महाकाल मंदिर की तो यहां सूतक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि ग्रहण के समय न तो कोई शिवलिंग को स्पर्श कर सकता है और न ही इस समय पूजा-पाठ और भोग लगाया जाता है।
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