Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2025 03:26 PM

Offering Tulsi leaves to Hanuman: तुलसी भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को अर्पित की जाती है। तुलसी के अभाव में उनको कोई भी भोग अर्पित नहीं किया जाता। तुलसी भगवान राम को बहुत प्रिय है, जो चीज श्रीराम को प्रिय है वो हनुमान जी को तो प्रिय होगी...
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Offering Tulsi leaves to Hanuman: तुलसी भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को अर्पित की जाती है। तुलसी के अभाव में उनको कोई भी भोग अर्पित नहीं किया जाता। तुलसी भगवान राम को बहुत प्रिय है, जो चीज श्रीराम को प्रिय है वो हनुमान जी को तो प्रिय होगी ही। हनुमान जी की भक्ति और साधना में तुलसी का महत्व इसलिए है क्योंकि तुलसी का पौधा शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। हनुमान जी की पूजा में तुलसी की पत्तियां अर्पित करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। यह माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां भगवान श्रीराम के साथ हनुमान जी के गहरे संबंध को दर्शाती हैं। तुलसी की पूजा से मन की शांति और भक्ति में वृद्धि होती है, जो हनुमान जी के भव्य व्यक्तित्व से जुड़ी है। इसके अतिरिक्त तुलसी की औषधीय गुण भी हनुमान जी की प्रियता को बल देते हैं, क्योंकि हनुमान जी स्वास्थ्य और शक्ति के प्रतीक भी हैं।
What is the special connection between Hanuman ji and Tulsi हनुमान जी और तुलसी क्या है खास कनेक्शन
श्रीरामयण में वर्णित कथा के अनुसार हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त थे और देवी सीता को माता का दर्जा देते थे। अयोध्या लौटने के बाद एक बार हनुमान जी को बहुत जोर से भूख लगी। वह सीता माता के पास गए। सीता माता ने उन्हें अपने हाथों से भोजन परोस कर दिया। उनकी भूख कम होने की बजाय बढ़ती गई। वह धीरे-धीरे सारे राजमहल का भोजन चट कर गए, फिर भी उनकी भूख शांत नहीं हुई। तब माता सीता ने उनकी भूख शांत करने के लिए उन्हें एक तुलसी का पत्ता खाने को दिया। उसे खाते ही बजरंगबली तृप्त हो गए। तभी से हनुमान जी को तुलसी चढ़ाना बहुत ही शुभ माना गया है।

हनुमंत उपासना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से कोई ग्रस्त हो तो हनुमान जी की शरण में आने से सभी ग्रहों का क्रूर प्रभाव स्वत: ही दूर हो जाता है। जहां हनुमान उपासना होती है वहां दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य रोग,शारीरिक कष्ट कभी समावेश नहीं कर पाते।

तुलसी के पौधे के पास बैठकर यदि हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक और राम स्तुति का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाए तो हर असंभव काम संभव हो जाता है।
अगर प्रतिदिन हनुमान जी को 2 पत्ते तुलसी के चढ़ाएं जाएं तो घर में कभी भी अन्न और धन का अभाव नहीं रहता।

हनुमान जी को गुड़ चने, मधु-मुनक्का, बेसन के मोदक, केले का भोग बहुत प्रिय है। भोग देते समय उसमें तुलसी पत्र अवश्य दें। याद रखें जब भी हनुमान जी को कोई भी भोग अर्पित करें तो उसमें तुलसी अवश्य डालें तभी वह तृप्त हो पाएंगे।
परीक्षा में उत्तीर्ण होने एवं अच्छे अंक पाने के लिए नित्यप्रति 11 तुलसी के पत्ते मिश्री के साथ पीस कर सेवन करें।
