क्या सिर पर पल्लू रखने रूढ़िवाद का प्रतीक है?

Edited By Jyoti,Updated: 08 Jan, 2019 12:36 PM

importance of head covering while worship

हम में से बहुत से लोग होंगे जिन्होंने महिलाओं को अपना सिर ढककर मंदिर आदि में पूजा करते देखा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में मंदिर जाते समय या किसी भी प्रकार का पूजा-पाठ करते समय महिलाओं को सिर ढकने की हिदायत दी जाती है।

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हम में से बहुत से लोग होंगे जिन्होंने महिलाओं को अपना सिर ढककर मंदिर में पूजा करते देखा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में मंदिर जाते समय या किसी भी प्रकार का पूजा-पाठ करते समय महिलाओं को सिर ढकने की हिदायत दी जाती है। परंतु ऐसा क्यों है, इसके पीछे ऐसी क्या मान्यता है? आख़िर क्या कारण है कि किसी भी प्रकार का पूजा-पाठ करने के वक्त औरतों के लिए सिर ढकना ज़रूरी है। अगर आप भी इसके पीछे का असल कारण नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।
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हिंदू धर्म में एक मान्यता प्रचीन समय से प्रचलित है कि हम जिसका सम्मान करते हों उसके सामने हमेशा सिर ढककर ही जाना चाहिए। कहने का मतलब है कि सिर ढकना एक प्रकार का आदर है। कुछ इसे रूढ़िवाद का प्रतीक मानते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है असल में ये केवल एक सम्मान देने का तरीका है। आज कल लोग मार्डन हो गए हैं, जिसके चलते वो इन बातों पर कुछ खास ध्यान नहीं देते।
PunjabKesariइसके अलावा एक मान्यता ये भी है कि मंदिर जाते समय अगर सिर पल्लू या सिर ढका न जाए तो हमारे बाल टूटकर गिरते हैं, जो हिंदू धर्म में बिल्कुल अच्छा नहीं माना है। इसके संबंध में कहा गया है कि जब हमारे बाल टूटकर गिरते हैं, तो उनकी मौच होती हैं, जिसके कारण हमारी पूजा निष्फल हो जाती है। परंतु अगर हम सिर ढककर मंदिर जाते हैं तो ऐसा होने की संभावना कम होती है और हमें हमारी पूजा-अर्चना पूरा फल मिल पाता है। इस बात को ज्यादातर महिलाओं पर ही लागू किया जाता है। चूंकि देवी-देवता के सम्मान स्वरूप ही उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इसलिए कहा जाता है कि महिलाओं को पूजा करते समय अपना सिर ढक लेना चाहिए।
PunjabKesariकहा जाता है कि सिर ढकने से ध्यान एकाग्रचित रहता है। इसका मतलब ये हुआ अगर सिर ढककर देवी-देवता की पूजा की जाए तो ध्यान इधर-ऊधर नहीं भटकता। इससे व्यक्ति काफ़ी आसानी से ईश्वर की भक्ति में मन लगा पाता है। क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि जिस पूजा में ध्यान प्रभु की तरफ़ एकाग्र न हो ऐसा पूजा का कोई फायदा नहीं होता। वेदों में वर्णित उल्लेख के अनुसार सिर के मध्य में एक केन्द्रीय चक्र पाया जाता है। कहते हैं सिर ढककर ईश्वर की आराधना करने से इस चक्र पर जल्द प्रभाव पड़ता है जिससे अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि सिर ढककर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती। इससे व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में सकारात्मकता बनी रहती है। ऐसे में व्यक्ति का बड़ी आसानी से ईश्वर में अपना ध्यान लगा पाता है।
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