Edited By Jyoti,Updated: 28 May, 2021 04:22 PM

पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते देश में होने वाली अनेकों धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि इस बार भी कई जगहों पर ऐसा हो रहा है को कई जगहों पर ऐसा करने
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पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते देश में होने वाली अनेकों धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि इस बार भी कई जगहों पर ऐसा हो रहा है को कई जगहों पर ऐसा करने की तैयारी चल रही है। बात करें जगन्नाथ यात्रा की तो बीते वर्ष भी ये यात्रा बिना दर्शनार्थियों के पूरे विधि विधान से संपन्न की गई थी। ठीक वैसे ही इस वर्ष भी ऐसा ही होगा। इससे जुड़ी प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में फैला कोरोना की दूसरी लहर व वाइट और ब्लैक फंगस के चलते पुरी जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्ट की तरफ से ये फैसला लिया गया है। बता दें ओडिशा के पुरी में 21 दिन तक चलने वाली चंदन यात्रा नरेंद्र सरोवर पहले से ही शुरू हो चुकी है, 21 दिन तक नरेन्द्र सरोवर में श्रीविग्रह नौका विहार करेंगे। जिसके साथ ही अब जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां ज़ोरो-शोरों पर चल रही है।
खबरों के अनुसार रथ यात्रा में प्रयोग होने वाले रथों का निर्माण 10 दिन पूर्न से ही शुरू हो गया था, जो अभी तक चल रहा है। कहा जाता है समुद्र किनारे बसे पुरी नगर में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के समय आस्था और विश्वास का जो भव्य वैभव और विराट प्रदर्शन देखने को मिलता है, जो दुनिया में और कहीं दुर्लभ है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते पुरी के जगन्नाथ मंदिर व नरेंद्र सरोवर के पास 144 धारा लगा दी गई है। तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा यह तय कर लिया गया है कि इस बार भी रथयात्रा बिना दर्शनार्थियों के ही संपन्न होगी। आइए इसके अलावा लॉकडाउन के चलते जगन्नाथ यात्रा में जुड़ी खास बातें-
बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा रथ यात्रा से जुड़ी तमाम पुरोहितों से लेकर सेवकों तक की सूची तैयार की जा रही है। इसके अलावा सभी को कोरोना का टीका भी उपलब्ध करवा कर,टीका लगाया जा रहा है। ताकि लगभग 2 माह बाद जब रथ यात्रा आरंभ हो तो सभी को टीके की दोनों डोज़ चुकी हों। इसके अलावा फेस मास्क, सेनिटेशन और हाथ धोने के उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखने पर जागरूकता कार्यक्रम जारी रहेगा। हालांकि अभी साफ तौर पर यह तय नहीं किया गया कि यात्रा में आम लोगों को जाने की अनुमति रहेगी या नहीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें 10 दिन से रथ निर्माण की प्रक्रिया चल रही है, तो वहीं रथयात्रा से संबंधित अनुष्ठान अक्षय तृतीया 15 मई 2021 से शुरू हो चुके हैं जबकि जगन्नाथ पुरी में वार्षिक रथयात्रा इस वर्ष 12 जुलाई को होगी। रथों के लिए काष्ठ का चयन बसंत पंचमी के दिन से शुरू होता है और उनका निर्माण अक्षय तृतीया से प्रारम्भ होता है।