शनि दोष से व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए उपाय करने बहुत जरूरी होते हैं। शनि की महादशा या अंतर्दशा, शनि की साढ़ेसाती, शनि का ढ़इया या शनि की दृष्टि। जो भी लोग शनि की महादशा या अंतर्दशा से गुजर रहें हैं उन लोगों को काली चौदस के दिन महाकाली पूजा करवानी चाहिए। ऐसा करने से शनिदोष का प्रभाव बहुत कम होता है।
यमतंत्र काली चौदस की रात्रि में दस महाविद्या के अंतर्गत महाकाली पूजा करने की सलाह देता है। यह पूजा करने से शनि दोषों के प्रभाव, अकारण मृत्यु, जादू-टोना तथा बुरी आत्माओं आदि के प्रभाव से बचा जा सकता है। इस लेख के मध्यम से हम आपको कुछ अचूक और कारगर उपाय बताने जा रहे हैं।
* जल में काले तिल डालकर स्नान करें।
* शनि दोष को कम करने के लिए काले तिल मिलाकर रोटी बनाएं तथा काला नमक और काली मिर्च मिली हुई साबुत काली उड़द की दाल का भोग देवी कालिका पर लगाएं तथा इसे आज रात में प्रसाद स्वरूप खाएं। इससे शनि दोष कम होगा।
* शनि की साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति में आज रात के समय काले कपड़े में थोड़ी सी काली मिर्च और कुछ सिक्के डाकोत (जो शनि का दान लेते हैं) को दान करें। इससे शनि का प्रकोप तुरंत ही शांत होगा।
* तेल का दीपक जलाएं तथा तुलसीपत्र हाथ में लेकर श्रीं श्रीधराय त्रैलोक्यमोहनाय नमोस्तुते मंत्र का यथासंभव जाप करें।
काली चौदस पूजा मुहूर्त
काली चौदस निशिता पूजा का समय- 23:40 से 24:33
अवधि- 0 घण्टे 52 मिनट्स
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 28 अक्टूबर 2016 को 18:20 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 29 अक्टूबर 2016 को 20:40 बजे
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
नरक चतुर्दशी उपाय: नर्क की यातनाओं से बचने के लिए यमराज को करें प्रसन्न
NEXT STORY