Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Mar, 2024 09:06 AM
बेंगलुरु (प.स.): कर्नाटक के राज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगते हुए सरकार को वह विधेयक वापस भेज दिया है, जिसमें 10 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों
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बेंगलुरु (प.स.): कर्नाटक के राज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगते हुए सरकार को वह विधेयक वापस भेज दिया है, जिसमें 10 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों से धन इकट्ठा करने का इरादा जताया गया है। राज्यपाल ने यह रेखांकित करते हुए विधेयक लौटा दिया कि पूर्व अधिनियम और उसमें किए गए संशोधन से संबंधित एक मामला अभी भी उच्चतम न्यायालय में लंबित है। कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 को 29 फरवरी को विधायिका के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या मामले के लंबित रहने के दौरान संशोधन किया जा सकता है, खासकर जब पूरे अधिनियम को उच्च न्यायालय ने पहले ही रद्द कर दिया हो और उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई अंतिम चरण में हो।