Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Aug, 2025 08:58 PM

मान्यवर, आपको सूचित करते हैं कि ,श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत, स्मार्तक - गृहस्थ भक्तों - सन्तों को शुक्र वार कृष्ण पक्ष , जन्म पूर्व सप्तमी तिथि रात्रि ११ बजकर ५० मिनट तक उपरान्त अष्टमी तिथि आरम्भ सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे ३१ गते संवत् २०८२...
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत, स्मार्तक - गृहस्थ भक्तों - सन्तों को शुक्र वार कृष्ण पक्ष , जन्म पूर्व सप्तमी तिथि रात्रि ११ बजकर ५० मिनट तक उपरान्त अष्टमी तिथि आरम्भ सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे ३१ गते संवत् २०८२ विक्रमी तदानुसार अंग्रेजी तारीख 15 अगस्त सन 2025 के दिन व्रत उपवास रखना उचित होगा । तथा जन्म समय मध्य रात्र्योतर 12 बजे अष्टमी तिथि में 16 अगस्त में होगा । अतः जन्मोत्सव सूर्योदय के पश्चात 16 अगस्त को ही मनाया जायेगा । वैष्णव भक्त , वैरागी साधू सन्त 16 अगस्त को श्रीकृष्ण चन्द्र भगवान जन्म के पश्चात भी व्रत उपवास भी रखते हैं , और जन्मोत्सव भी मनाते हैं। इति शुभम्
धन्यवाद ज्योतिष शास्त्र अनुसार भगवान श्रीकृष्ण चन्द्र महाराज की जन्म कुंडली :- सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे ३१ गते ५२४७ वर्ष पूर्व, ऋषि सम्वत्सर में , कृष्ण पक्ष , शुक्र वासरे , अष्टमी तिथि , क्षनक्षत्र रोहिणी , राशि वृष , लग्न वृष में चन्द्र , कर्क में वृहस्पति, सिंह में सूर्य+ बुध , कन्या में राहु, तुला में शुक्र, मकर में मंगल + शनि , मीन में केतु ग्रह स्थिति थी।
इस वर्ष रोहणी नक्षत्र नवमी तिथि में आ रही है । इसलिए जन्म समय तो कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि मध्य रात्रि 12 बजे समय के पश्चात जन्मोत्सव मानना ही उचित होगा।
नवमी व्याप्त अष्टमी का कोई महत्व नहीं है ?