Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Mar, 2024 08:00 AM
मथुरा (मानव): फाल्गुन सुदी अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण ने अपने सखाओं के साथ बरसाना में जमकर होली खेली थी। होली के बाद बिना कोई फगुवा (उपहार) दिए बरसाना
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मथुरा (मानव): फाल्गुन सुदी अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण ने अपने सखाओं के साथ बरसाना में जमकर होली खेली थी। होली के बाद बिना कोई फगुवा (उपहार) दिए बरसाना से नंदगांव आ गए थे तो बरसाना में सभी गोप-गोपियों ने बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि फगुवा लेने के लिए नंदगांव नंद भवन चलना चाहिए। अगले दिन दशमी को बरसाना के गोपी ग्वाल मिलकर फगुवा लेने के लिए नंद भवन आते हैं। यहां द्वार पर खडे़ होकर कहते हैं ‘फगुवा दै मोहन मतवारे फगुवा दै।’
फगुवा के बहाने एक बार फिर फाल्गुन सुदी नवमी को नंदगांव में लट्ठमार होली होती है। फाग महोत्सव की इसी लीला को साकार करने के लिए बरसाना के बाद नंदगांव में लट्ठमार होली खेली गई। दोपहर 2 बजे से ही राधा रानी सखी स्वरूप बरसाना से हुरियारों का आगमन शुरू हो गया। यशोदा कुंड पर चकाचक रबड़ी, केसर युक्त भांग ठंडाई छानी गई। नंदगांव के लोगों द्वारा भव्य स्वागत सत्कार किया गया। जैसा कि पहले से अंदेशा था कि लाठियां बरसने वाली हैं तो इसके लिए सिर पर पगड़ी बांधी गई।