Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Feb, 2024 07:13 AM
एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां माखा बुचा दिवस पर भगवान बुद्ध और उनके 2 शिष्यों के अवशेषों के दर्शन किए। इन अवशेषों को 26 दिनों के लिए भारत
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बैंकॉक (वार्ता): एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां माखा बुचा दिवस पर भगवान बुद्ध और उनके 2 शिष्यों के अवशेषों के दर्शन किए। इन अवशेषों को 26 दिनों के लिए भारत से थाईलैंड लाया गया। भगवान बुद्ध के 4 पवित्र पिपराहवा अवशेषों सहित उनके 2 शिष्यों अर्हत सारिपुत्र और अर्हत मौदगल्यायन के अवशेष बृहस्पतिवार को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से थाईलैंड पहुंचे।
इन्हें शुक्रवार को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित पंडाल में श्रद्धा और मंत्रोच्चार के बीच प्रतिष्ठापित किया गया। भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रैस विज्ञप्ति के अनुसार, शनिवार को माखा बुचा दिवस पर लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने अवशेषों के दर्शन किए। माखा बुचा दिवस एक महत्वपूर्ण बौद्ध दिवस है जो लगभग 2500 वर्ष पहले 1250 प्रबुद्ध भिक्षुओं की एक सभा की याद दिलाता है। यह त्यौहार, जिसे माघ पूजा के नाम से भी जाना जाता है, बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष स्थान रखता है।
अवशेषों को थाईलैंड में 22 फरवरी से शुरू हुई 26 दिवसीय प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भगवान बुद्ध के अवशेषों को मंडप में प्रतिष्ठापित करने के लिए थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को सौंपा जबकि सारिपुत्र और महा मौदगल्यायन के अवशेषों को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री सोमसाक थेपसुतिन और थाई संस्कृति मंत्री को सौंपा।