गर्भ गृह में हुआ अलौकिक पूजन, महाकाल में झलकी सोमनाथ की महिमा

Edited By Updated: 15 Dec, 2025 08:18 AM

mahakal mandir news

हाल ही में धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रतिष्ठित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक घटना घटी, जिसने दो प्राचीन और पूजनीय ज्योतिर्लिंगों की विरासत को एक सूत्र में बांध दिया।

Mahakal Mandir news : हाल ही में धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रतिष्ठित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक घटना घटी, जिसने दो प्राचीन और पूजनीय ज्योतिर्लिंगों की विरासत को एक सूत्र में बांध दिया। गुजरात के सोमनाथ मंदिर के हजारों साल पुराने पुरातात्विक अवशेषों से निर्मित किए गए दो दुर्लभ शिवलिंगों को महाकाल मंदिर लाया गया और उनके दर्शन-पूजन किए गए।

पुरातन अवशेषों का निर्माण
ये विशेष शिवलिंग सोमनाथ मंदिर के उन मूल शिवलिंग के अवशेषों से निर्मित हैं, जिन्हें आक्रमणों के दौरान खंडित कर दिया गया था। इन अवशेषों को वर्षों तक गुप्त रूप से संभाल कर रखा गया था। बाद में, ये पवित्र टुकड़े आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी को प्राप्त हुए। उनकी प्रेरणा से, इन अवशेषों को धार्मिक विधि-विधान से पिघलाकर दो छोटे, लेकिन अत्यंत दिव्य शिवलिंगों का निर्माण किया गया।

महाकाल मंदिर में आगमन
बेंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम से इन दोनों शिवलिंगों को एक विशेष यात्रा के तहत उज्जैन लाया गया। माना जाता है कि महाकाल और सोमनाथ, दोनों ही 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख हैं और इनका यह आध्यात्मिक 'मिलन' अत्यंत शुभकारी है।

गर्भगृह में विशेष पूजन
शिवलिंगों के महाकाल मंदिर पहुंचने के बाद, उन्हें सीधे मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। यहां बाबा महाकाल की संध्या आरती के बाद, दोनों सोमनाथी शिवलिंगों का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचोपचार पूजन किया गया। इस पूजन विधि में शिवलिंगों को दूध, दही, घी, शहद और जल से स्नान कराया गया तथा नए वस्त्र और पुष्प अर्पित किए गए।

आध्यात्मिक महत्व
पुजारीगण और धर्म गुरुओं के अनुसार, इस पूजन का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। यह घटना भक्तों को यह संदेश देती है कि भगवान शिव का 'शिवत्व' कभी नष्ट नहीं होता। दो ज्योतिर्लिंगों की ऊर्जा का एक स्थान पर मिलन होना, भक्तों के लिए विशेष सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति का कारक माना जाता है।

जन दर्शन और आस्था
गर्भगृह में पूजन संपन्न होने के बाद, इन दुर्लभ शिवलिंगों को मंदिर परिसर में स्थित जूना महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया। दर्शन के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने इस ऐतिहासिक क्षण को अपने कैमरे में भी कैद किया और दोनों ज्योतिर्लिंगों के प्रति अपनी अटूट आस्था व्यक्त की।


 

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