Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jul, 2025 02:00 PM
Mistakes to Avoid During Shivling Worship: भगवान शिव का ‘रुद्र’ रूप अत्यंत उग्र और संहारक है। शिवलिंग की पूजा के माध्यम से हम उनके इस उग्र रूप को शांत कर, उनके कल्याणकारी स्वरूप से कृपा प्राप्त करते हैं। सावन में यह क्रिया विशेष प्रभावी मानी जाती...
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Mistakes to Avoid During Shivling Worship: भगवान शिव का ‘रुद्र’ रूप अत्यंत उग्र और संहारक है। शिवलिंग की पूजा के माध्यम से हम उनके इस उग्र रूप को शांत कर, उनके कल्याणकारी स्वरूप से कृपा प्राप्त करते हैं। सावन में यह क्रिया विशेष प्रभावी मानी जाती है। सावन में श्रद्धा से किया गया रुद्राभिषेक ऐसी प्रार्थना बन जाता है जिसे शिव अस्वीकार नहीं करते। सच्चे हृदय से मांगी गई मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है चाहे वह विवाह, संतान, धन, नौकरी या शत्रु नाश से जुड़ी हो। सावन माह में 12 ज्योर्तिलिंगों की विशेष पूजा, अर्चना व अनुष्ठान की बड़ी प्राचीन व पौराणिक परंपरा रही है। रुद्राभिषेक के साथ-साथ महामृत्युंजय का पाठ तथा काल सर्प दोष निवारण की विशेष पूजा का महत्वपूर्ण समय रहता है। भोलेनाथ की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना अवश्यक है अन्यथा आप पुण्य की बजाय पाप के भागी बन जाएंगे-
शिवलिंग की पूजा करते समय हमेशा ध्यान रहे की उन पर पाश्चराइज्ड दूध न चढ़ाएं, शिव को चढ़ने वाला दूध ठंडा और साफ़ होना चाहिए।
भगवान शिव को तुलसी अर्पित न करें क्योंकि पुराणों में तुलसी को साक्षात लक्ष्मी माना गया है। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं इसलिए भगवान विष्णु और उनके अवतारों के अतिरिक्त ये अन्य किसी देवी-देवता को नहीं चढ़ाई जाती।
घर में कभी भी दो शिवलिंग, दो गणेश स्वरूप, तीन दुर्गा मां की प्रतिमा एक साथ न रखें। इससे घर में अभाग्य आता है।
शिव पूजन में बिल्वपत्र का प्रथम एवं विशेष स्थान है। शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करते समय ध्यान रखें की वो कटे-फटे और कीड़ों के खाए न हों। शिवलिंग पर चढ़े बिल्व पत्र को पुन: भगवान शिव पर अर्पित किया जा सकता है लेकिन जल से धोकर अर्पण करना चाहिए। संभव हो तो गंगा जल से धोएं।
शिवलिंग पर दूध, दही तथा पंचामृत चढ़ाते समय कभी भी कांसे के बर्तन प्रयोग में नहीं लाएं।
धतूरा और विजया (भांग) एकसाथ ही अर्पण करने चाहिए।
हल्दी का प्रयोग स्त्रियां अपनी सुंदरता निखारने के लिए करती हैं तथा शिवलिंग महादेव शिव का प्रतीक हैं। अतः हल्दी का प्रयोग शिवलिंग की पूजा करते समय नहीं करना चाहिए।
शिव पुराण में कहा गया है कि शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान आधी परिक्रमा करें फिर वापस लौट कर दूसरी परिक्रमा करें। चारों ओर घूमकर परिक्रमा करने से दोष लगता है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कुमकुम का प्रयोग एक हिन्दू महिला अपने पति के लम्बी आयु के लिए करती हैं। जबकि भगवान शिव विध्वंसक की भूमिका निभाते हैं तथा संहारकर्ता शिव की पूजा में कभी भी कुमकुम का प्रयोग नहीं करना चाहिए।