Edited By Jyoti,Updated: 08 Mar, 2022 11:58 AM
एक राजा जंगल में शिकार खेलने गया तो मार्ग भटक गया। वह भूख-प्यास से बेहाल था कि उसकी दृष्टि एक लकड़हारे पर पड़ी। लकड़हारे ने अपना भोजन और पानी राजा को दिया और उसे सही मार्ग तक छोड़ आया।
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एक राजा जंगल में शिकार खेलने गया तो मार्ग भटक गया। वह भूख-प्यास से बेहाल था कि उसकी दृष्टि एक लकड़हारे पर पड़ी। लकड़हारे ने अपना भोजन और पानी राजा को दिया और उसे सही मार्ग तक छोड़ आया। अपना जीवन लकड़हारे द्वारा बचा लिए जाने के कारण राजा उसके प्रति कृतज्ञ था।
उसी भाव से प्रेरित होकर राजा ने लकड़हारे को चंदन के वृक्षों का पूरा वन दान में दे दिया। कुछ दिन पश्चात राजा लकड़हारे की स्थिति देखने को पहुंचे तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि वह अब भी निर्धन है; जबकि चंदन का वन नष्ट हो चुका है।
कारण पूछने पर पता चला कि लकड़हारा चंदन की लकडिय़ां काटकर व उन्हें जलाकर कोयला बनाकर बेच रहा था। उसका मूल्य न जानने के कारण वह अब भी निर्धन था। मानवीय जीवन का मूल्य न जानकर मनुष्य भी यही भूल करता है।