Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Jul, 2023 08:03 AM
श्रीनगर (वार्ता): जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 34 साल के अंतराल के बाद गुरुवार को शहर के मध्य से मुहरर्म का जुलूस निकाला गया। जहां सरकार ने इसे
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श्रीनगर (वार्ता): जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 34 साल के अंतराल के बाद गुरुवार को शहर के मध्य से मुहरर्म का जुलूस निकाला गया। जहां सरकार ने इसे ‘ऐतिहासिक’ घटना करार दिया, वहीं शोक संतप्त लोग पारंपरिक मार्ग से गुजरने वाले जुलूस का हिस्सा बनने के लिए भावुक दिखे। पारंपरिक मार्ग पर आठवीं मुहरर्म का जुलूस निकालने के लिए सैकड़ों शिया श्रद्धालु तड़के श्रीनगर की सड़कों पर उतरे।
काले लिबास पहने मातमी लोग शांतिपूर्वक स्तुति और नौहा पढ़ते हुए चले। शोक मनाने वालों ने गुरु बाजार से जुलूस शुरू किया और यह करण नगर, बुदशाह चौक, मौलाना आजाद रोड से होते हुए डलगेट पहुंचा जहां यह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। एक दर्शक ने कहा,‘‘यह हमारे लिए एक भावनात्मक दिन है। हम अपने बुजुर्गों से गुरु बाजार से निकलने वाले मुहरर्म जुलूस के बारे में सुनते थे और आज जब मुहरर्म का जुलूस उसी सड़क से गुजरा तो हम भावुक हो गये।’’
शिया शोक मनाने वाले पुराने शहर के निवासी जफर ने कहा, ‘‘34 साल बाद हमें जुलूस निकालने की इजाजत देने के लिए हम प्रशासन के आभारी हैं।’’ अस्सी के दशक के अंत में मुहरर्म जुलूस पर प्रतिबंध लगने के बाद कई युवा हर साल मुहरर्म के आठवें दिन पारंपरिक मार्ग पर मार्च करने की कोशिश करते थे लेकिन पुलिस रोक देती थी।
उमर ने मुहरर्म जुलूस की अनुमति देने के फैसले का किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नैशनल कॉन्फ्रैंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को श्रीनगर में आठवें मुहरर्म जुलूस को पारंपरिक मार्गों से गुजरने की अनुमति देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया, लेकिन साथ ही मीरवाइज उमर फारूक की घर में नजरबंदी से रिहाई की भी मांग की।