Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Jun, 2025 07:00 AM

Munshi Premchand Story: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद ने समाज को नई दिशा देने वाली कई रचनाओं के बूते काफी लोकप्रियता अर्जित की। अंग्रेज सरकार ने उनकी लोकप्रियता को अपने हित में भुनाने के मकसद से उन्हें राय साहब की उपाधि देने का निश्चय...
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Munshi Premchand Story: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद ने समाज को नई दिशा देने वाली कई रचनाओं के बूते काफी लोकप्रियता अर्जित की। अंग्रेज सरकार ने उनकी लोकप्रियता को अपने हित में भुनाने के मकसद से उन्हें राय साहब की उपाधि देने का निश्चय किया। तत्कालीन गवर्नर सर हेली ने मुंशी प्रेमचंद को संदेश भेजा कि सरकार उन्हें राय साहब की उपाधि से सम्मानित करना चाहती है।
मुंशी प्रेमचंद ने इस संदेश को पाकर विशेष प्रसन्नता जाहिर नहीं की, किंतु उनकी पत्नी खुश हुईं और उन्होंने पूछा,‘‘उपाधि के साथ कुछ और भी देंगे या नहीं ?’’
मुंशी प्रेमचंद बोले,‘‘हां ! कुछ और भी देंगे।’’
संभवत: पत्नी का संकेत धनराशि से था। मुंशी प्रेमचंद का उत्तर सुनकर पत्नी ने कहा,‘‘तो फिर सोच क्या रहे हैं ? आप तत्काल गवर्नर साहब को हां कहलवा दीजिए।’’

मुंशी प्रेमचंद तुरंत पत्नी का विरोध करते हुए बोले,‘‘मैं यह उपाधि स्वीकार नहीं कर सकता। कारण यह है कि अभी तक मैंने जितना लिखा है, वह जनता के लिए लिखा है, किंतु राय साहब बनने के बाद मुझे सरकार के लिए लिखना पड़ेगा। यह गुलामी मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।’’
इसके बाद मुंशी प्रेमचंद ने गवर्नर को उत्तर भेजते हुए लिखा,‘‘मैं जनता की राय साहब कर सकता हूं, किंतु सरकार की नहीं ?’’
मुंशी प्रेमचंद के उत्तर से गवर्नर हेली हैरान रह गए। कुछ समय बाद किसी समारोह में जब वह मुंशी प्रेमचंद से मिले तो उन्होंने सिर झुकाकर इस स्वाभिमानी साहित्यकार का सम्मान किया।
