Pashupati Vrat Vidhi 2025: चमत्कारिक है पशुपति व्रत, हर कष्ट का अंत– शास्त्रों और पंडित प्रदीप मिश्रा की व्याख्या

Edited By Updated: 26 Nov, 2025 11:30 AM

pashupati vrat vidhi

Pashupati Vrat Vidhi 2025: सनातन धर्म में भगवान शिव का पशुपति स्वरूप सर्वाधिक करुणामय और दुख-हरण करने वाला माना गया है। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन शिव उपासना के लिए अत्यंत शुभ है, और इसी दिन रखा जाने वाला पशुपति व्रत जीवन में अद्भुत परिवर्तन...

Pashupati Vrat Vidhi 2025: सनातन धर्म में भगवान शिव का पशुपति स्वरूप सर्वाधिक करुणामय और दुख-हरण करने वाला माना गया है। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन शिव उपासना के लिए अत्यंत शुभ है, और इसी दिन रखा जाने वाला पशुपति व्रत जीवन में अद्भुत परिवर्तन लाने वाला कहा गया है। प्रसिद्ध कथा-वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार जो भी भक्त लगातार 5 सोमवार यह व्रत श्रद्धा से करता है, उसके जीवन की जटिल समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

 Pashupati Vrat Vidhi
Significance of Pashupati Vrat पशुपति व्रत का महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों में शिव को पशुपति अर्थात समस्त जीवों के स्वामी कहा गया है। यह व्रत उन भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है जो अत्यधिक मानसिक, आर्थिक या पारिवारिक कष्टों से गुजर रहे हों। यह व्रत किसी भी सोमवार से शुरू किया जा सकता है और 5 सोमवार तक निरंतर किया जाता है। पंचांग के अनुसार सोमवार शिव तत्व के सबसे निकट माना गया है इसलिए इस दिन का साधना फल कई गुना बढ़ जाता है।

Pashupati Vrat Samagri List पशुपति व्रत सामग्री सूची
बिल्वपत्र, गंगाजल/शुद्ध जल, चंदन / रोली, अक्षत, धूप और दीप, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत), मौसमी फल, सफेद मिठाई,
घी के 6 दीपक

 Pashupati Vrat Vidhi
Pashupati Vrat Vidhi पशुपति व्रत विधि
व्रत की शुरुआत

किसी भी सोमवार प्रातः स्नान करके शिव उपासना का संकल्प लें। इस व्रत में कठोर नियम नहीं है, परंतु मन की पवित्रता आवश्यक है।

Pashupati Vrat Morning Worship पशुपति व्रत सुबह का पूजन
शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल व पंचामृत से करें।
बिल्वपत्र, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
ॐ नमः शिवाय का जप कम से कम 108 बार करें।
दिन में फलाहार या मीठा व्रत भोजन करें।

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Special worship of Pashupati fast in the evening पशुपति व्रत शाम का विशेष पूजन
घी के 6 दीपक लेकर शिव मंदिर जाएं।
साथ में घर पर बनाई हुई सफेद मिठाई या मीठा प्रसाद लेकर जाएं।
इस मिठाई के 3 हिस्से करें। दो मंदिर में अर्पित करें और एक हिस्सा वापस घर लाएं।
6 दीपकों में से 5 दीपक शिवलिंग के सामने जलाएं और अपनी मनोकामना प्रकट करें।
बचा हुआ 1 दीपक घर के मुख्य द्वार के दाईं ओर बाहर की तरफ जलाएं।

Rules of Pashupati Vrat Night पशुपति व्रत रात्रि का नियम
रात के भोजन में केवल मीठा भोजन ग्रहण करें।
नमक का उपयोग पूर्णतः वर्जित है।
मंदिर से लाया गया मिठाई का हिस्सा भोजन के साथ ग्रहण करें।

Benefits of Pashupati Vrat पशुपति व्रत के लाभ
जीवन के कठिन कष्ट, बाधाएं और अज्ञात भय समाप्त होते हैं।
मन की शांति और आत्मबल बढ़ता है।
परिवारिक कलह, स्वास्थ्य संकट और आर्थिक रुकावटों में सुधार आता है।
शिव कृपा से मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं।

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