Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Nov, 2025 05:18 PM

हिंदू धर्म और संस्कृति में किसी भी बड़े शुभ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान या प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कलश यात्रा का आयोजन एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य परंपरा मानी जाती है। यह मात्र एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरे धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक...
Ram Mandir Kalash Yatra 2025: हिंदू धर्म और संस्कृति में किसी भी बड़े शुभ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान या प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कलश यात्रा का आयोजन एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य परंपरा मानी जाती है। यह मात्र एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरे धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण छिपे हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के बीच कलश यात्रा का विशेष आयोजन भी किया गया। तो आइए जानते हैं कि शुभ कार्यों में कलश यात्रा क्यों आवश्यक होती है और राम मंदिर के संदर्भ में इसका क्या महत्व है।
शुभ कार्य में कलश यात्रा क्यों होती है जरूरी?
कलश यात्रा को जल यात्रा या मंगल यात्रा भी कहा जाता है। इसे धार्मिक अनुष्ठानों का एक अभिन्न अंग माना जाता है।
कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। इसके ऊपरी भाग में लिपटे नारियल को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है, जबकि कलश में भरा गया जल सभी तीर्थों और पवित्र नदियों का आह्वान करता है। कलश यात्रा का मुख्य उद्देश्य जिस स्थान पर अनुष्ठान होना है, वहां की ऊर्जा को शुद्ध करना और सकारात्मकता एवं मंगलकारी शक्तियों का आह्वान करना होता है।
शास्त्रों के अनुसार, कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ में भगवान शिव और मूल में ब्रह्मा जी का वास होता है। कलश के मध्य में सभी मातृ शक्तियां निवास करती हैं। कलश यात्रा के माध्यम से इन सभी देव शक्तियों को उत्सव स्थल पर आमंत्रित किया जाता है, जिससे कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न होता है।
कलश यात्रा एक सामाजिक और धार्मिक आयोजन भी है, जो सभी भक्तों को एक साथ आने और उत्सव में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है, जिससे सामाजिक एकता और भक्ति भाव में वृद्धि होती है। यात्रा के दौरान महिलाएं अपने सिर पर कलश रखकर चलती हैं, जो शक्ति और धैर्य का प्रतीक है।
कलश में भरा पवित्र जल और उसके साथ उच्चारित मंत्र आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे पूरा क्षेत्र शुद्ध हो जाता है।

राम मंदिर में क्यों रखा गया कलश यात्रा का कार्यक्रम?
प्राण प्रतिष्ठा किसी भी देवता की मूर्ति में दिव्य ऊर्जा स्थापित करने की सबसे पवित्र प्रक्रिया होती है। कलश यात्रा इस प्रक्रिया के लिए मंदिर परिसर और पूरे अयोध्या नगर को धार्मिक रूप से तैयार करने का पहला कदम था। इस कलश यात्रा के माध्यम से विभिन्न पवित्र नदियों और अन्य तीर्थ स्थलों से लाए गए पवित्र जल को अनुष्ठान स्थल तक पहुंचाया गया होगा। इस जल का उपयोग मूर्ति के अभिषेक और मंदिर की शुद्धि के लिए किया जाता है।
कलश यात्रा ने देश भर के लाखों भक्तों को सीधे तौर पर इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर दिया, जिससे यह कार्यक्रम एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया। यह यात्रा भगवान राम के पुनरागमन और नए मंदिर के भविष्य के लिए मंगलकामना, समृद्धि और शांति का प्रतीक थी।

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