Edited By Jyoti,Updated: 10 Dec, 2022 03:07 PM
जैसा कि सभी जानते हैं हर मास का अपना एक महत्व होता है। बता दें कि पूर्णिमा तिथि के साथ मार्गशीर्ष माह खत्म होते ही 09 दिसंबर, दिन शुक्रवार को पौष माह शुरू हो जाएगा। पौष माह को सूर्यदेव की आराधना के लिए खास माना गया है। इतना ही नहीं इस माह को छोटा
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जैसा कि सभी जानते हैं हर मास का अपना एक महत्व होता है। बता दें कि पूर्णिमा तिथि के साथ मार्गशीर्ष माह खत्म होते ही 09 दिसंबर, दिन शुक्रवार को पौष माह शुरू हो जाएगा। पौष माह को सूर्यदेव की आराधना के लिए खास माना गया है। इतना ही नहीं इस माह को छोटा पितृपक्ष के रूप में भी जानते हैं। तो इसी बीच आज की इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि पौष माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार, 09 दिसंबर से पौष माह शुरू हो रहा है। जो नए साल 2023 में 07 जनवरी को समाप्त होगा।
पौष माह में क्या करना चाहिए-
शास्त्रों के अनुसार, पौष मास के पूरे माह में भगवान सूर्य की पूजा करें। इसके साथ ही ' ॐ हीं ह्रीं सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करें। इस माह में रोजाना सूर्यदेव की पूजा करने से मान-सम्मान और करियर में वृद्धि होती है।
वहीं पौष मास में रोजाना सूर्य देव को जल में सिंदूर, लाल फूल और थोड़ा सा अक्षत डालकर अर्घ्य देना शुभ होता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इसी के साथ पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसे में नियमित रूप से पूजा करने के साथ गीता का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस माह लाल या फिर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इससे श्री हरि अति प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
पौष मास में दान का विशेष महत्व होता है इसलिए इस मास में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल आदि का दान अवश्य करें।
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पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए पौष माह में तर्पण, पिंडदान आदि करना शुभ माना जाता है। इससे पितरों का आशीर्वाद हमेशा के लिए बना रहता है और परिवार की उन्नति में बढ़ोतरी होती है।
पौष मास में गुड़ का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा लौंग, अदरक, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का सेवन करें।
पौष माह में क्या नहीं करना चाहिए-
पौष मास में मांस मदिरा के अलावा बैंगन, मूली, मसूर की दाल, फूल गोभी, उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
इतना ही नहीं पौष मास में चीनी का सेवन भी कम से कम करना चाहिए।
पौष मास में खरमास आरंभ हो जाते हैं इसलिए इन दिनों में किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।
खरमास में नए काम या व्यवसाय का आरंभ बिल्कुल भी न करें।
पौष मास में नमक का सेवन भी कम से कम करें।